भारत के 125 करोड़ निवासियों के पास “आधार”

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने यह घोषणा की है कि आधार परियोजना ने 125 करोड़ के अंक को पार करके नई उपलब्धि हासिल की है। इसका मतलब यह है कि भारत के 125 करोड़ से अधिक निवासियों के पास 12 अंकों की विशिष्ट पहचान उपलब्‍ध है।

यह उपलब्धि आधार धारकों द्वारा आधार के प्राथमिक पहचान दस्तावेज के रूप में तेजी से बढ़ते उपयोग के कारण हासिल हुई है। यह इस तथ्य से यह स्पष्ट है कि आधार-आधारित प्रमाणीकरण सेवाओं का शुरूआत से अब तक लगभग 37,000 करोड़ बार उपयोग हो चुका है। वर्तमान में यूआईडीएआई को प्रतिदिन लगभग 3 करोड़ प्रमाणीकरण अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं।

भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI)

  • भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India: UIDAI) एक सांविधिक प्रा‍धिकरण है , जिसकी स्‍थापना भारत सरकार द्वारा आधार(वित्‍तीय और अन्‍य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं के लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 (“आधार अधिनियम, 2016”) के प्रावधानों के अंतर्गत, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत् दिनांक 12 जुलाई, 2016 को की गई।
  • यूआईडीएआई की स्‍थापना भारत के सभी निवा‍सियों को “आधार” नाम से एक विशिष्‍ट पहचान संख्‍या (यूआईडी) प्रदान करने हेतु की गई थी ताकि इसके द्वारा (क) दोहरी और फर्जी पहचान समाप्‍त की जा सके और (ख) उसे आसानी से एवम् किफायती लागत में सत्‍यापित और प्रमाणित किया जा सके।
  • प्रथम यूआईडी नम्‍बर महाराष्‍ट्र के निवासी, नन्‍दूरबार को 29 सितम्‍बर 2010 को जारी किया गया।

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