‘श्री राम जम्‍म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्‍ट बनाने के प्रस्‍ताव को मंजूरी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 5 फ़रवरी 2020 को संसद में उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेश के अनुसार अयोध्‍या में राम मंदिर के निर्माण की निगरानी के लिए ट्रस्‍ट की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देश के आधार पर मेरी सरकार ने आज ‘श्री राम जम्‍म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्‍ट ( Shri Ram Janma Bhoomi Teerth Kshetra Trust) बनाने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी है। ट्रस्‍ट अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर के निर्माण से सम्‍बन्धित सभी निर्णय लेने के लिए स्‍वतंत्र होगा।’

संसद में उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेश के अनुसार अयोध्‍या में राम मंदिर के निर्माण की निगरानी के लिए ट्रस्‍ट की घोषणा की। लगभग 67.703 एकड़ अधिग्र‍हित भूमि नवगठित श्रीराम जन्‍म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्‍यास को हस्‍तांतरित की जाएगी।

उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देश पर सरकार ने उत्‍तर प्रदेश की सरकार से सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का अनुरोध किया था और राज्‍य सरकार ने इस अनुरोध को स्‍वीकार किया।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे, जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा।

ट्रस्ट के सदस्य हैं: वरिष्ठ वकील केशव अयंगर परासरन, जगतगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषीपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज (इलाहाबाद), जगतगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नाथिरथ जी महाराज (पेजावर मठ उडुपी), विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या)। इनके अलावा अनिल मिश्रा (अयोध्या के होम्योपैथिक चिकित्सक) और पटना से कामेश्वर चौपाल (अनुसूचित जाति सदस्य) और महंत दीनेंद्र दास (निर्मोही अखाड़ा, अयोध्या) भी ट्रस्टी भी होंगे।
अयोध्या डीएम एक्सोफिसियो ट्रस्टी होंगे। यदि डीएम हिंदू नहीं है तो बोर्ड में अतिरिक्त मजिस्ट्रेट होंगे।

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