‘सुशासन दिवस’ पर ‘सुशासन सूचकांक’ लॉन्‍च

सुशासन दिवस पर 25 दिसंबर 2019 को नई दिल्‍ली में कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राज्‍य मंत्री (पीपी) डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने ‘सुशासन सूचकांक’ ( Good Governance Index) लॉन्‍च किया।

सुशासन दिवस प्रति वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर मनाया जाता है।

इस अवसर पर मंत्री ने कार्यालय प्रक्रिया के केन्‍द्रीय सचिवालय मैनुअल (सीएसएमओपी) के 15वें संस्‍करण का भी विमोचन किया।

सुशासन सूचकांक उद्देश्‍य

  • ‘सुशासन सूचकांक’ दरअसल सभी राज्‍यों में गवर्नेंस की ताजा स्थिति का आकलन करने और राज्‍य सरकारों एवं केन्‍द्र शासित प्रदेशों द्वारा उठाये गये विभिन्‍न अहम कदमों के प्रभावों से अवगत होने का एकसमान साधन (टूल) है।
  • सभी राज्‍यों एवं केन्‍द्र शासित प्रदेशों में गवर्नेंस की ताजा स्थिति की तुलना करने के लिए मापने योग्‍य डेटा उपलब्‍ध कराना, गवर्नेंस में बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्‍त रणनीतियों को तैयार एवं कार्यान्वित करने में राज्‍यों एवं केन्‍द्र शासित प्रदेशों को सक्षम बनाना और परिणाम उन्‍मुख अवधारणाओं एवं प्रशासन की ओर अग्रसर होना जीजीआई के उद्देश्‍यों में शामिल हैं।

सुशासन सूचकांक में इन 10 सेक्‍टर, 50 संकेतक

  • सुशासन सूचकांक में इन 10 सेक्‍टरों ( ten sectors) को ध्‍यान में रखा जाता हैं :- 1) कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, 2) वाणिज्य एवं उद्योग, 3) मानव संसाधन विकास, 4) सार्वजनिक स्वास्थ्य, 5) सार्वजनिक अवसंरचना व उपयोगिताएं, 6) आर्थिक गवर्नेंस, 7) समाज कल्याण एवं विकास, 8) न्यायिक व सार्वजनिक सुरक्षा, 9) पर्यावरण और 10) नागरिक-केन्द्रित गवर्नेंस।
  • इन सभी 10 गवर्नेंस क्षेत्रों या सेक्‍टरों को कुल मिलाकर 50 संकेतकों ( 50 indicators) पर मापा जाता है। संबंधित मूल्‍य की गणना के लिए किसी भी गवर्नेंस सेक्‍टर के तहत विभिन्‍न संकेतकों को अलग-अलग भारांक (वेटेज) दिया जाता है। उदाहरण के‍ लिए, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में विभिन्‍न वेटेज वाले 6 संकेतक हैं, यथा : कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की वृद्धि दर (0.4), खाद्यान्न उत्पादन की वृद्धि दर (0.1), बागवानी उपज की वृद्धि दर (0.1), दूध उत्पादन की वृद्धि दर (0.1), मांस उत्पादन की वृद्धि दर (0.1) और फसल बीमा (0.2)।
  • राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को इन तीन समूहों में विभाजित किया जाता है : क) बड़े राज्‍य, ख) पूर्वोत्‍तर एवं पहाड़ी राज्‍य और ग) केन्‍द्र शासित प्रदेश। राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग सभी संकेतकों पर अलग-अलग की जाती है। इसके साथ ही इन संकेतकों के आधार पर

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