‘जहाजों की रिसाइक्लिंग विधेयक, 2019’ संसद में पारित

भारत में जहाजों की सुरक्षित एवं पर्यावरण अनुकूल रिसाइक्लिंग के लिए संसद ने 9 दिसंबर 2019 को ऐतिहासिक ‘जहाजों की रिसाइक्लिंग विधेयक, 2019’ ( Recycling of Ships Bill 2019’) को पारित कर दिया।

  • इस विधेयक का पारित होना भारत के समुद्री क्षेत्र में एक बड़ा कदम एवं ऐतिहासिक पल है और इससे भारत के जहाज रिसाइक्लिंग उद्योग पर दूरगामी असर पड़ेंगे।
  • मौजूदा शिपब्रेकिंग कोड (संशोधित), 2013 और हांगकांग संधि-पत्र, 2009 ( Hong Kong Convention, 2009 ) के प्रावधानों का ब्‍योरा इस विधेयक में दिया गया है।
  • यह विधेयक जब अधिनियम का रूप ले लेगा, तो यह जहाजों की पर्यावरण अनुकूल रिसाइक्लिंग प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा और इसके साथ ही यार्ड में कार्यरत कामगारों को पर्याप्‍त सुरक्षा भी मुहैया कराएगा।
  • भारत वैश्विक जहाज रिसाइक्लिंग उद्योग में अग्रणी है और वैश्विक बाजार में इसकी हिस्‍सेदारी 30 प्रतिशत से भी अधिक है। इस विधयेक के कानून का रूप ले लेने पर भारत जहाजों की सुरक्षित एवं सुदृढ़ पर्यावरण अनुकूल रिसाइक्लिंग के लिए वैश्विक मानक तय करेगा और इसके साथ ही यार्ड में कार्यरत कामगारों के लिए पर्याप्‍त सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
  • यह विधेयक रिसाइक्लिंग के लिए भारतीय शिपयार्डों में और भी अधिक वैश्विक जहाजों के प्रवेश के लिए मार्ग प्रशस्‍त करेगा और इसके साथ ही रोजगार एवं कारोबारी अवसरों को भी बढ़ावा देगा।
  • अब भारत में रिसाइक्लिंग किए जाने वाले जहाजों के लिए हांगकांग संधि-पत्र के अनुसार ‘रिसाइक्लिंग के लिए तैयार संबंधी प्रमाण-पत्र’ प्राप्‍त करना आवश्‍यक होगा। ज्‍यादा कारोबार की उम्‍मीद में विशेषकर गुजरात के अलंग में बड़ी संख्‍या में रिसाइक्लिंग प्‍लॉट भी तैयार किए जा रहे हैं और हांगकांग संधि पत्र के अनुसार अनुपालन विवरण (एसओसी) प्राप्‍त किए जा रहे हैं।

मुख्‍य लाभ

विधेयक के मुख्‍य लाभों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:

  • यह विधेयक रिसाइक्लिंग के लिए भारतीय शिपयार्डों में और भी अधिक वैश्विक जहाजों के प्रवेश के लिए मार्ग प्रशस्‍त करेगा।
  • जहाजों की रिसाइक्लिंग से कारोबार एवं रोजगार के अवसर काफी बढ़ जाएंगे तथा इसके साथ ही रिसाइक्लिंग उद्योग में भारत की हैसियत और अधिक मजबूत हो जाएगी।
  • इससे गुजरात के अलंग, मुम्‍बई बंदरगाह, कोलकाता बंदरगाह और केरल के अजिक्कल में अवस्थित देश के शिप रिसाइक्लिंग यार्डों की ब्रांड वैल्‍यू बढ़ जाएगी।
  • जहाजों की रिसाइक्लिंग के परिणामस्‍वरूप देश में द्वितीयक इस्‍पात संबंधी आवश्‍यकताओं के 10 प्रतिशत की पूर्ति पर्यावरण अनुकूल ढंग से होने लगेगी।
  • जहाजों की रिसाइक्लिंग से जुड़ी इकाइयां (यूनिट) अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों के अनुरूप हो जाएंगी और जहाजों की रिसाइक्लिंग केवल इसी तरह की अधिकृत इकाइयों में ही होगी।
  • कारोबारी गतिविधियों में व्‍यापक वृद्धि देश के सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) में उल्‍लेखनीय योगदान देगी।

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