- 16 राज्यों की सरकारों ने वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए योजना- समर्थ (एससीबीटीएस-Samarth – Scheme for Capacity Building in Textile Sector : SCBTS)) को आगे ले जाने के लिए 14 अगस्त 2019 को नई दिल्ली में एक समारोह में वस्त्र मंत्रालय के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।
- इस योजना के अंतर्गत मंत्रालय के साथ साझेदारी करने के लिए 18 राज्यों ने सहमति दी थी। जिनमें से जम्मू-कश्मीर और ओडिशा आज के समारोह में उपस्थित नहीं थे। शुरूआत में, मंत्रालय ने इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए राज्य सरकारों द्वारा नामित एजेंसियों को 3.5 लाख से ज्यादा लक्ष्य आवटित किए हैं। प्रशिक्षण के बाद इन लाभार्थियों को वस्त्र से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। यह कार्यक्रम कताई और बुनाई के अलावा वस्त्र क्षेत्र की पूरी मूल्य श्रृंखला को कवर करता है।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत उन्नत प्रौद्योगिकी मेंआधार पर आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली (एईबीएएस), सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, समर्पित कॉल सेंटर, मोबाइल एप पर आधारित सूचना प्रणाली और ऑनलाइन निगरानी जैसी विशेषताएं शामिल हैं।
- इस अवसर पर केंद्रीय वस्त्र तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने कहा कि राज्य सरकारों के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया जाना राज्य एजेंसी की सहायता करने तथा वस्त्र क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विकास की भावना का निर्माण करने हेतु उन्हें समान साझेदार बनाने के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
समर्थ योजना
- मंत्रालय द्वारा तैयार की गई संस्थागत क्षमता तथा उद्योग और राज्य सरकारों के साथ कायम किए गए तालमेल/सहयोग का लाभ उठाने की दृष्टि सेआर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2017-18 से 2019-20 तक एक नई कौशल विकास योजना “समर्थ”- वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए योजना (एससीबीटीएस) को स्वीकृति दी।
- वस्त्र उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह रोजगारोन्मुख कार्यक्रम है। इस योजना का लक्ष्य 1300 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय के साथ कताई और बुनाई को छोड़कर वस्त्र की पूरी मूल्य श्रृंखला में 2020 तक 10 लाख युवाओं का कौशल विकास करना है।