सरकार ने देश के श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले थानों की सूची जारी की है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में गुजरात के कच्छ में डीजीपी सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए निर्देश दिया था कि थानों की ग्रेडिंग के लिए प्राप्त जानकारी के आधार पर उनके कार्य प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए मानक निर्धारित किए जाने चाहिए। देश के 10 शीर्ष थाने इस प्रकार है:
राज्य | जिला | थाना | रैंकिंग |
अंडमान तथा निकोबार द्वीपसमूह | अंडमान | अबेरदीन | 1 |
गुजरात | माहीसागर | बालासिनोर | 2 |
मध्य प्रदेश | बुरहानपुर | एजेके बुरहानपुर | 3 |
तमिलनाडु | थेनी | एडब्ल्यूपीएस थेनी | 4 |
अरुणाचल प्रदेश | दिबांग घाटी | अनिनि | 5 |
दिल्ली | दक्षिण-पश्चिम जिला | बाबा हरिदास नगर, द्वारका | 6 |
राजस्थान | झालावाड़ | बकानी | 7 |
तेलंगाना | करीमनगर | चोप्पाडंडी(एम) | 8 |
गोवा | उत्तर गोवा | बिकोलीम | 9 |
मध्य प्रदेश | शिवपुर | बरगावा | 1 |
उद्देश्य डाटा विश्लेषण, सीधी परख और लोगों से मिली जानकारी के माध्यम से 15,579 थानों में से 10 शीर्ष पुलिस थानों की रैंकिंग करना था। रैंकिंग प्रक्रिया प्रत्येक राज्य में श्रेष्ठ कार्य प्रदर्शन करने वाले थानों की संक्षिप्त सूची तैयार करने से हुई। ये सूची थानों द्वारा निम्नलिखित अपराधों के समाधान के आधार पर बनाई गई:
- सम्पत्ति अपराध
- महिलाओं के विरूद्ध अपराध
- कमजोर वर्गों के विरूद्ध अपराध
प्रारंभ में प्रत्येक राज्य से चयनित थानों की संख्या इस प्रकार रही:
- 750 थानों में से प्रत्येक राज्य से तीन थाने
- अन्य राज्यों तथा दिल्ली से दो थाने
- प्रत्येक केन्द्रशासित प्रदेश से एक थाना
रैंकिंग प्रक्रिया के अगले चरण के लिए 79 थानों को चुना गया।
अंतिम चरण में सेवा देने के मानक का मूल्यांकन तथा पुलिस व्यवस्था में सुधार तकनीकों की पहचान के लिए 19 मानक चिन्हित किए गए। यह भाग सम्पूर्ण स्कोर में 80 प्रतिशत भारांक का था। शेष 20 प्रतिशत भारांक थाने की आधारभूत संरचना तथा कर्मियों से सम्पर्क सुग्यमता और नागरिकों से प्राप्त जानकारी पर आधारित था। प्रत्येक स्थान से लगभग 60 लोगों को शामिल करके 5,461 लोगों से फीडबैक के लिए सम्पर्क किया गया।
देश थानों की वार्षिक रैंकिंग की प्रतिक्षा कर रहा था, विशेषकर पुलिस बल। यह रैंकिंग पुलिस के कामकाज की जानकारी देती है और आंतरिक सुरक्षा के व्यापक संदर्भ में सार्वजनिक नीति बनाने में मूल्यवान इनपुट प्रदान करती है। इस वर्ष के सर्वेक्षण में सभी राज्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्य का उद्देश्य सीसीटीएनएस डाटा बेस के व्यापक उपयोग और तीसरे पक्ष की एजेंसी द्वारा जमीनी सर्वेक्षण से सुनिश्चित किया गया।