वाणिज्य मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के अंतर्गत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने 14 नवम्बर, 2019 को अरूणाचल प्रदेश में कृषि और बागवानी उत्पाद पर पहली अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया।
बैठक में, सात देशों भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और ग्रीस के दस अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों ने हिस्सा लिया और निर्यातकों के साथ बातचीत की। उत्पादकों और निर्यातकों ने अरूणाचल प्रदेश के उत्पादों जैसे मैन्डरिन संतरा, किवी, अनानास, किंग मिर्च, बड़ी इलायची, ऑर्गेनिक उत्पादों, अन्य ताजे फलों, सब्जियों, फूलों और मसालों को प्रदर्शित किया।
कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने और पूर्वोत्तर क्षेत्र खासतौर से अरूणाचल प्रदेश से कृषि-निर्यात के लिए बाजार से सम्पर्क बढ़ाने के उद्देश्य से एपीडा और अरूणाचल प्रदेश के कृषि और बागवानी विभाग ने ईटानगर में सम्मेलन और अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया। अरूणाचल प्रदेश सरकार ने एपीडा के अध्यक्ष और अरूणाचल प्रदेश सरकार के कृषि और बागवानी विभाग में सचिव बिदोल तायेंग के साथ दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
यह सम्मेलन आयातकों और निर्यातकों के साथ अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों की बी2बी और बी2जी बैठकें और कृषि और बागवानी उत्पादों के निर्यात के अवसरों और संभावनाओं का पता लगाने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विशेषकर अरूणाचल प्रदेश के प्रगतिशील किसानों और उत्पादकों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
एपीडा ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पूर्वोत्तर राज्यों के उत्पाद पेश करने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया। इस वर्ष मार्च में गुवाहाटी, असम में बीएसएम का आयोजन किया गया। इसके बाद मणिपुर, इम्फाल में जून, 2019 में अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन और बैठक आयोजित की गई। इसके बाद एक बैठक सितम्बर, 2019 में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में हुई।
एपीडा कृषि निर्यात के क्षेत्रों में संवर्धन गतिविधियां कर रहा है। इनमें निर्यातकों को पैक हाउसेज और शीतगृहों जैसी बुनियादी ढांचा सुविधाएं स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान करना शामिल है। एपीडा निर्यातकों की भी मदद करता है, ताकि वह अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में अपने उत्पाद प्रदर्शित कर सके। ईटानगर में आयोजित यह बैठक भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को निर्यात के नक्शे पर लाने के लिए एपीडा की पहल का हिस्सा थी।