- महाराष्ट्र सरकार ने ‘महाराष्ट्र प्लास्टिक डिपॉजिटरी स्कीम’ लागू करने की घोषणा की है। यह अपशिष्ट प्लास्टिक पीईटी बोतल बायबैक योजना है। भारत में यह अपने तरह की पहली योजना है।
- ज्ञातव्य है कि महाराष्ट्र प्लास्टिक एंड थमोकॉल प्रोडक्ट्स एक्ट 2018 के तहत राज्य में एकल उपयोग प्लास्टिक एवं थर्मोकॉल को प्रतिबंधित कर दिया गया है परंतु इसी एक्ट के तहत पीईटी बोतल एवं मिल्क पाउचेज बायबैक स्कीम का भी प्रावधान किया गया है।
- इस योजना के तहत किसी व्यक्ति द्वारा उपर्युक्त बोतल या दूध पाउच खरीदते वक्त विनिर्माता द्वारा वापसी करने योग्य रकम (रिफंडेबल) वसूलेगा। व्यक्ति द्वारा इस पीईटी बोतल व मिल्क पाउच को रिटेलर या रिवर्स वेंडिंग मशीन को वापस करने पर उसके रकम को वापस कर दिया जाएगा।
- राज्य सरकार के अनुसार प्रति मिल्क पाउच 50 पैसे, 200 मिलीलीटर से एक लीटर तक प्रत्येक दूध बोतल पर 2 रुपए तथा एक लीटर से अधिक के बोतल पर एक रुपया की डिपोजिट दर होगी।
- इस स्कीम के तहत बोतल एवं पाउच के संग्रह व रिसाइक्लिंग की जिम्मेदारी इसके विनिर्माताओं पर डाली गई है। उपभोक्ताओं को रिफंड पाने के लिए पीईटी बोतल या पाउच जरूर वापस करना होगा।
- हालांकि योजना भारत में कहीं लागू नहीं है परंतु यूएस, जर्मनी व नॉर्वे सहित विश्व के 40 देशों में इसका क्रियान्वयन किया जा रहा है।