आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 20 नवंबर 2019 को कुछ चुनिंदा सीपीएसई इकाइयों में नीचे दिए गए ब्यौरे के अनुसार रणनीतिक विनिवेश का सैद्धान्तिक रूप से अनुमोदन किया है:
(i) भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल)
(क) भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड-एनआरएल-में 61.65 प्रतिशत की हिस्सेदारी तथा प्रबंधकीय नियंत्रण को छोड़कर) में भारत सरकार की 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक विनिवेश तथा साथ में रणनीतिक खरीददार को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण।
(ख) एनआरएल में बीपीसीएल की 61.65 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक विनिवेश और साथ में तेल तथा गैस क्षेत्र के किसी केन्द्रीय लोक उद्यम (सीपीएसई) को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण।
(ii) भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड (एससीआई)
भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड में भारत सरकार की 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक विनिवेश और इसके साथ रणनीतिक खरीददार को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण।
(iii) भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड (कॉनकॉर)
भारत सरकार की 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी (भारत सरकार की कुल वर्तमान हिस्सेदारी 54.8 प्रतिशत में से) का रणनीतिक विनिवेश और इसके साथ रणनीतिक खरीददार को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण।
(iv) टेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल)
टीएचडीसीआईएल में भारत सरकार की 74.23 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक विनिवेश और इसके साथ एनटीपीसी जैसे सीपीएसई रणनीतिक खरीददार को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण।
(v) नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (नीपको)
नीपको में भारत सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक विनिवेश और इसके साथ एनटीपीसी जैसे सीपीएसई रणनीतिक खरीददार को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण।
सीपीएसई इकाइयों का रणनीतिक विनिवेश पूर्व निर्धारित प्रक्रिया तथा व्यवस्था के अनुरूप किया जाएगा।
लाभ: इन सीपीएसई इकाइयों के रणनीतिक विनिवेश से प्राप्त होने वाले संसाधन का उपयोग सामाजिक क्षेत्र/सरकार की विकास योजनाओं के वित्त पोषण के लिए किया जाएगा, जिससे लोगों को लाभ मिलेगा। प्राप्त संसाधन बजट का हिस्सा होगा और लोग इसके उपयोग की जांच कर सकेंगे। आशा है कि रणनीतिक खरीददार/प्राप्तकर्ता इन कंपनियों के विकास के लिए नया प्रबंधन/नई तकनीक/नया निवेश लाएंगे और इनके विकास के लिए नवाचार तरीकों का उपयोग करेंगे।
पृष्ठभूमि: 2015 में, सरकार ने रणनीतिक विनिवेश की नीति की फिर से शुरूआत की ताकि निजी कंपनियां प्रबंधन में दक्षता का उपयोग करके आर्थिक विकास में योगदान दें। 2019 के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि वर्तमान आर्थिक मानदंडों के मद्देनजर अधिक सीपीएसई इकाइयों का रणनीतिक विनिवेश किया जाएगा। रणनीतिक विनिवेश इस मौलिक आर्थिक सिद्धांत पर आधारित है कि सरकार को उन क्षेत्रों के वस्तुओं और सेवाओं के विनिर्माण/उत्पादन से अलग हो जाना चाहिए, जहां प्रतिस्पर्धी बाजार विकसित हो चुका है। ऐसी इकाइयां प्रौद्योगिकी उन्नयन और कार्य कुशल प्रबंधन अभ्यास जैसे कारकों की वजह से निजी क्षेत्र में ही बेहतर ढंग से विकसित होंगी और इस प्रकार देश की जीडीपी में योगदान देंगी।