- संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख छात्र आवेदन देते हैं। परंतु प्रारंभिक परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों की संख्या काफी कम होती है। यूपीएससी के अनुसार आवेदन करने वाले उम्मीदवारों में से महज लगभग 50 प्रतिशत छात्र ही पीटी में शामिल होते हैं।
परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की कम उपस्थिति को देखते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने उम्मीदवारों द्वारा अपने आवेदनों को वापस लेने की सुविधा को मंजूरी दी है। यह सुविधा इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा, 2019 से लागू की जाएगी। यह घोषणा नई दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री अरविंद सक्सेना ने आयोग के 52वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर की। - आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के संबंध में आयोग का अनुभव रहा है कि प्रारंभिक परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले 10 लाख से अधिक उम्मीदवारों में से लगभग 50 प्रतिशत उम्मीदवार परीक्षा में बैठते हैं। इसके लिए आयोग को परीक्षा स्थान की बुकिंग करानी पड़ती है, प्रश्नपत्र प्रकाशित कराने होते हैं, परीक्षा निरीक्षकों का प्रबंध करना पड़ता है और सभी 10 लाख आवेदकों के लिए दस्तावेज भेजने पड़ते हैं। इसमें 50 प्रतिशत ऊर्जा और संसाधनों की बर्बादी होती है।
- यूपीएससी के अध्यक्ष ने कहा कि आयोग यह मानता है कि यदि हम सही और गंभीर उम्मीदवारों के लिए काम करें तो हम उन्हें बेहतर सुविधाएं दे सकते हैं और अपनी प्रणाली को अधिक कारगर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा, 2019 से यह व्यवस्था प्रारंभ की जाएगी तथा अन्य परीक्षाओं को इस व्यवस्था के अंतर्गत लाया जाएगा। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उम्मीदवार को आवेदन का ब्यौरा देना होगा। उम्मीदवार के पंजीकृत मोबाइल नम्बर तथा ईमेल आईडी पर अलग से ओटीपी भेजे जायेंगे। नाम वापस लेने की कार्रवाई सफलतापूर्वक पूरी करने पर ईमेल पर पुष्टि संदेश भेजा जाएगा और एसएमएस किया जाएगा। एक बार आवेदन वापस लेने पर इसे फिर से शामिल नहीं किया जा सकता।
- उम्मीदवारों की चिंता में कमी करने के उद्देश्य से यूपीएससी ने परीक्षा से संबंधित संवादों तथा लेनदेन को ऑनलाइन कर दिया है। परीक्षा की पेन और पेपर पद्धति से कंप्यूटर आधारित पद्धति की ओर बढ़ रहे हैं।