- जर्नल साइंस में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार ब्रिटेन के द इंस्टीटड्ढूट ऑफ कैंसर रिसर्च (आइसीआर) के वैज्ञानिकों ने 71 मरीजों के बायोप्सिस लिये गये और प्रयोगशाला में लघु कैंसरयुक्त 3डी ऑर्गन विकसित किये गये जिसे ‘ऑर्गेनोइड्स’ (Organoids) कहा गया। ये कैंसर कोशिकाओं की छोटी गेंदें हैं, जिन्हें प्रयोगशाला में बड़ा किया जा सकता है।
- इस पर दर्जनों दवाओं का प्रयोग कर सबसे कारगर इलाज तलाशने का प्रयास किया गया।
- शोधकर्ताओं ने कई दवाओं से प्रयोगशाला में विकसित किए लघु टड्ढूमर का उपचार किया। इसमें उन्होंने यह देऽने का प्रयास किया कि किस तरह का उपचार देने से मरीज के सही होने की संभावना सबसे अधिक होती है। शोधकर्त्ताओं को पता चला कि प्रयुक्त किये गये दस में से नौ मामलों में मरीजों के टड्ढूमर को घटाने का काम करती है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार जिन दवाओं ने मरीजों पर असर नहीं किया, उनका लघु टड्ढूमर पर भी असर नहीं पड़ा। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि दवाएं किस स्थिति में काम नहीं करेंगी।
वैसे अभी इस तकनीक का बड़े स्तर पर क्लीनिकल ट्रायल किए जाने की जरूरत है, - यदि इस तकनीक के आगे सफलता मिलती है तो किसी मरीज का उपचार करते समय चिकित्सकों को पहले से पता होगा कि उसे कौन सी दवा देनी है। कैंसर का उपचार किस तरीके से किया जाए इसका पता पहले से चलने पर मरीज को बेहतर उपचार मिलेगा।