केंद्र सरकार राज्यों को चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत परियोजनाओं के लिए 15,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि देने की घोषणा की है। इस ब्याज मुक्त कर्ज की भुगतान अवधि 50 वर्षों की होगी।
- पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2021-22 का मकसद राज्यों को आधारसंरचना संपत्तियों के मौद्रीकरण और राज्य सार्वजनिक उपक्रमों (एसपीएसई) के विनिवेश को बढ़ावा देना है।
- इस योजना के तहत पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों के लिए केंद्र ने 2,600 करोड़ रुपये रखे हैं। इसमें से असम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में प्रत्येक को 400 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। इस समूह के शेष राज्यों को 200-200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अन्य सभी राज्यों के लिए 7,400 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है।
- केंद्र सरकार के अनुसार यह राशि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 15वें वित्त आयोग के आवंटन के अनुसार केंद्रीय करों के हिस्से के अनुपात में आवंटित की गई है।
- पूंजीगत खर्च से विशेषतौर पर गरीबों और अप्रशिक्षित कामगारों के लिए रोजगार की राह निकलती है।