केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक टीम भेजी है, जहां जीका वायरस रोग का एक मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में 22 अक्टूबर 2021 को जांच के दौरान एक 57 वर्षीय पुरुष जीका वायरस पॉजीटिव पाया गया।
जीका वायरस
- जीका वायरस पहली बार 1947 में खोजा गया था और इसका नाम युगांडा में जीका फॉरेस्ट के नाम पर रखा गया है। 1952 में, जीका के पहले मानव मामलों का पता चला था और तब से, उष्णकटिबंधीय अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत द्वीप समूह में जीका के प्रकोप की सूचना मिली है।
- जीका ज्यादातर संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छर (एई इजिप्टी और एई अल्बोपिक्टस) के काटने से फैलता है। ये मच्छर दिन और रात में काटते हैं।
- जीका एक गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान संक्रमण कुछ जन्म दोष पैदा कर सकता है। जीका के लिए कोई टीका या दवा नहीं है।
- गर्भावस्था के दौरान जीका संक्रमण मस्तिष्क के जन्म दोष का कारण बन सकता है जिसे माइक्रोसेफली (microcephaly ) और अन्य गंभीर मस्तिष्क दोष कहा जाता है।
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