प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने 17 दिसंबर 2020 को आभासी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के हल्दीबाड़ी और बांग्लादेश के चिल्हाटी के बीच एक रेलवे लिंक (Haldibari-Chilahati rail link) का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।
- इसे भारत और बांग्लादेश के लोगों के बीच गहन संपर्क को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में देखा जा रहा है।
भारत और बांग्लादेश रेलवे नेटवर्क
- भारत और बांग्लादेश के बीच रेलवे नेटवर्क ज्यादातर ब्रिटिश युग के समय के भारतीय रेलवे से विरासत के रूप में मिला है।
- वर्ष 1947 में विभाजन के बाद भारत और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (1965 तक) जो अब बांग्लादेश बन चुका है के बीच 7 रेल संपर्क लाइनें मौजूद थीं।
- इस समय भारत और बांग्लादेश के बीच 4 परिचालन रेल संपर्क लाइने हैं जिनमें पेट्रापोल (भारत) – बेनापोल (बांग्लादेश), गेदे (भारत) – दर्शन (बांग्लादेश), सिंघाबाद (भारत) -रोहनापुर (बांग्लादेश), राधिकापुर (भारत) –बिरोल (बांग्लादेश) है।
- इसके साथ ही अब हल्दीबाड़ी – चिल्हाटी रेल लिंक को भी शुरु कर दिया गया है जो दोनों देशों के बीच पांचवी रेल संपर्क सेवा बन गई है।
- हल्दीबाड़ी – चिल्हाटी रेल संपर्क सेवा 1965 तक चालू थी। यह विभाजन के दौरान कोलकाता से सिलीगुड़ी तक ब्रॉड गेज मुख्य मार्ग का हिस्सा थी।
- मई 2015 में दिल्ली में आयोजित अंतर-सरकारी रेलवे बैठक में जारी संयुक्त घोषणा के अनुरुप रेलवे बोर्ड ने इस पूर्ववर्ती रेल लिंक को फिर से खोलने के लिए 2016-17 में हल्दीबाड़ी स्टेशन से चिल्हाटी बांग्लादेश तक 82.72 करोड़ रूपए की लागत से एक नई ब्राड गेज लाइन [लंबाई – 3.50 किमी] के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी।
- हल्दीबाड़ी -चिल्हाटी रेल मार्ग असम और पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश में पारगमन के लिए फायदेमंद होगा।