वर्ष 2019 का गांधी शांति पुरस्कार ओमान के (दिवंगत) सुल्तान काबूस बिन सैद अल सैद को देने की घोषणा की गयी है ।
- गांधी शांति पुरस्कार,वर्ष 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया एक वार्षिक पुरस्कार है।
- इस पुरस्कार में 1 करोड़ रूपये, एक प्रशस्ति – पत्र, एक पट्टिका और हस्तशिल्प / हथकरघा से निर्मित एक अति सुंदर पारंपरिक सामग्री दी जाती है।
- यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग से परे सभी व्यक्तियों के लिए है।
- गांधी शांति पुरस्कार से संबंधित जूरी की अध्यक्षता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की जाती है और भारत के मुख्य न्यायाधीश एवं लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता इसके दो पदेन सदस्य होते हैं। दो अन्य प्रतिष्ठित सदस्य – लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला एवं सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन के संस्थापकश्री बिंदेश्वर पाठक – भी इस जूरी का हिस्सा हैं।
- गांधी शांति पुरस्कार पाने वालों में तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जूलियस न्येरेरे;जर्मनी के संघीय गणराज्य के डॉ. गेरहार्ड फिशर; रामकृष्ण मिशन; बाबा आम्टे (श्री मुरलीधर देवीदास आम्टे); दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. नेल्सन मंडेला; ग्रामीण बैंक ऑफ बांग्लादेश; दक्षिण अफ्रीका के आर्कबिशप डेसमंड टूटू; श्री चंडी प्रसाद भट्ट एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नाम शामिल हैं। गांधी शांति पुरस्कार के हालिया विजेताओं में विवेकानंद केंद्र, भारत (2015); अक्षय पा त्र फाउंडेशन, भारत एवं सुलभ इंटरनेशनल (संयुक्त रूप से, 2016 के लिए); एकल अभियान ट्रस्ट, भारत (2017) और श्री योही ससाकावा, जापान (2018)शामिल हैं।