भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फास्टर यानिफास्ट एंड सिक्योर ट्रांसमिशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स (FASTER: Fast and Secured Transmission of Electronic Records) सिस्टम आरम्भ किया है जिसके द्वारा जमानत के आदेश और गिरफ्तारी पर रोक सहित इसके महत्वपूर्ण फैसलों को एक सुरक्षित चैनल के माध्यम से जेल अधिकारियों और जांच एजेंसियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सूचित किया जा सकता है।
- यह 16 जुलाई, 2021 को भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना के नेतृत्व में शीर्ष अदालत की विशेष पीठ के एक आदेश के अनुपालन में आरम्भ किया गया है।
- फास्टर प्रणाली यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विचाराधीन कैदियों को रिहा होने के आदेश के पश्चात कई दिनों तक सलाखों के पीछे इंतजार नहीं करना पड़े क्योंकि उनके जमानत आदेशों की प्रमाणित हार्ड कॉपी जेल पहुंचने में देर हो जाती है ।
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