केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने 23 दिसंबर 2020 को घोषणा की कि 1 जनवरी, 2021 से देश में सभी वाहनों के लिए फास्टैग (FASTag) को अनिवार्य किया गया है।
- फास्टैग की शुरुआत 2016 में की गयी थी, और चार बैंकों ने मिलकर लगभग एक लाख फास्टैग जारी किए।
- 2017 के अंत तक, इन फास्टैग की संख्या बढ़कर सात लाख हो गई। 2018 में 34 लाख से अधिक फास्टैग जारी किए गए थे।
- केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नवंबर में2020 एक अधिसूचना जारी कर पुराने वाहनों में, सीएमवीआर, 1989 में संशोधनों के जरिए 1 दिसम्बर, 2017 से पहले बेचे गये वाहनों में भी, 1 जनवरी, 2021 से फास्टैग को अनिवार्य बनाया था।
- केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, 1 दिसंबर 2017 से, नए चार पहिया वाहनों के पंजीकरण के लिए फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया था और इसकी आपूर्ति वाहन निर्माताओं या उनके डीलरों द्वारा की जा रही है।
- इसके अलावा, यह भी अनिवार्य किया गया था कि फास्टैग के लिए फिट होने के बाद ही परिवहन वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र का नवीनीकरण किया जाएगा। राष्ट्रीय परमिट वाले वाहनों के लिए 1 अक्टूबर 2019 से फास्टैग मानकों पर फिट होना अनिवार्य किया गया था।
- यह भी अनिवार्य किया गया है कि फॉर्म 51 (बीमा का प्रमाण पत्र) में संशोधन के जरिए नया तीसरा पक्ष (थर्ड पार्टी) बीमा, जिसमें फास्टैग आईडी का विवरण दर्ज किया जाएगा, प्राप्त करते समय एक वैध फास्टैग अनिवार्य होगा। यह प्रावधान 1 अप्रैल 2021 से लागू होगा।
- RFID आधारित FASTag को वाहन के विंडस्क्रीन पर चिपका दिया जाता है। यह प्रीपेड या इससे जुड़े बचत खाते से शुल्क के सीधे भुगतान की अनुमति देता है, और लेन-देन के लिए बिना रुके वाहनों को पास करने में सक्षम बनाता है।
- भारत सरकार ने रिचार्ज के कई अन्य तरीकों में BHIM UPI ऐप को शामिल किया है। सरकार ने FASTag के रिचार्ज के मुद्दे को UPI पंजीकृत बैंकों में से किसी के माध्यम से कराने का समाधान किया है।