- नीति आयोग ने संयुक्त जल प्रबंधन सूचकांक (सीडब्ल्यूएमआई 2.0: Composite Water Management Index: CWMI 2.0) का दूसरा दौरा तैयार किया है। जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने रिपोर्ट जारी की।
- सीडब्ल्यूएमआई 2.0 ने आधार वर्ष 2016-17 के सामने संदर्भ वर्ष 2017-18 के लिए विभिन्न राज्यों को स्थान प्रदान किया है।
- रिपोर्ट में गुजरात ने संदर्भ वर्ष (2017-18) में अपना पहला स्थान रखा है, इसके बाद आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और तमिलनाडु का स्थान है।
- पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में हिमाचल प्रदेश 2017-18 में पहले स्थान पर रहा। इसके बाद उत्तराखंड, त्रिपुरा और असम का स्थान है।
- संघ शासित प्रदेशों ने पहली बार अपने आंकड़े दिये है। पुदुचेरी शीर्ष स्थान पर रहा है। सूचकांक में वृद्धि संबंधी बदलाव के मामले में हरियाणा सामान्य राज्यों में पहले स्थान पर और उत्तराखंड पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में पहले स्थान पर रहा है।
- औसतन 80 प्रतिशत राज्यों ने पिछले तीन वर्षों में सूचकांक पर आकलन किया और अपने जल प्रबंधन स्कोर में सुधार किया, जिसमें औसत सुधार +5.2 प्वाइंट रहा।
- नीति आयोग ने सबसे पहले राज्यों के बीच सहकारी और प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद की भावना पैदा करने के लिए एक साधन के रूप में 2018 में संयुक्त जल प्रबंधन सूचकांक की शुरुआत की।
- यह मैट्रिक्स के अखिल भारतीय सेट तैयार करने का पहला प्रयास था, जो जल प्रबंधन और जल चक्र के विभिन्न आयामों को मापता है। रिपोर्ट को बड़े पैमाने पर स्वीकार किया गया और राज्यों को अपने जल का भविष्य सुरक्षित करने के लिए उन्हें कहां ध्यान देने की जरूरत है, इस बारे में दिशा-निर्देश दिए गए।
- सीडब्ल्यूएमआई जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन ने राज्यों/संघशासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आंकलन करने और उनमें सुधार का साधन है। यह कार्य जल शक्ति मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों की साझेदारी से अपनी तरह के पहले जल आंकड़ा संग्रहण के जरिये किया गया है।
- सूचकांक राज्यों के लिए राज्यों और संबद्ध केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करेगा, ताकि वे जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए उपयुक्त रणनीति तैयार करके उसे लागू कर सके।