संसद ने विदेशी अंशदान विनियमन संशोधन विधेयक 2020 (Foreign Contribution Regulation (Amendment) Bill 2020) पारित कर दिया है। राज्यसभा ने इसे 23 सितम्बर 2020 को स्वीकृति दी जबकि लोकसभा 21 सितम्बर 2020 को पारित कर चुकी है।
- इसके तहत 2010 के विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम को संशोधित किया गया है। इस अधिनियम के तहत व्यक्तियों, संघों और कंपनियों से विदेशी अंशदान की स्वीकृति और उपयोग को विनियमित किया जाता है।
- विदेशी स्रोत से किसी मुद्रा, प्रतिभूति या वस्तु का दान अथवा अंतरण विदेशी अंशदान माना जाता है। संशोधन के तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी तरह का विदेशी अंशदान स्वीकार नहीं कर सकेगा।
- विदेशी अंशदान की अनुमति, पंजीकरण या पंजीकरण का नवीकरण कराने से पहले संस्था के सभी पदाधिकारियों, निदेशकों या मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को पहचान के प्रमाण के रूप में आधार नंबर उपलब्ध कराना होगा।
- विदेशी अंशदान केवल केन्द्र सरकार से अधिसूचित एफसीआरए खाते के रूप में बैंकों द्वारा निर्धारित खाते में ही प्राप्त किया जा सकेगा।
- इस विधेयक में प्रावधान किया गया है की विदेशी अंशदान का केवल 20 प्रतिशत ही प्रशासनिक व्यय पर खर्च किया जायेगा। पहले यह 50 प्रतिशत था।
(Source: AIR)