वर्ष 2020 का रसायन का नोबेल पुरस्कार इमानुएले शारपेंटियर (Emmanuelle Charpentier) और जेनिफर ए डुडना (Jennifer Doudna) को जीनोम एडिटिंग की कैंची CRISPR-Cas9 विकसित करने के लिए दिया जाएगा।
- पहली बार वर्ष 2020 में नोबेल विज्ञान का पुरस्कार केवल महिलाओं की टीम को दिया गया। वर्ष 2012 में शारपेंटियर और डुडना ने CRISPR-Cas9 जेनेटिक कैंचियों की खोज की थी और इसके बाद जीनोम एडिटिंग बड़े पैमाने पर होने लगा।
- नोबेल कमेटी के अनुसार इससे मानवता का बहुत भला हुआ है। इनकी मदद से जीवों के डीएनए को रिसर्चर अतिसूक्ष्मता के साथ बदल सकते हैं। नोबेल कमेटी के अनुसार यह तकनीक जानवर, फसल एवं सूक्ष्मजीवों की जीन को बड़ी शुद्धता से संपादितद कर सकती है।
- इस नई तकनीक के कारण कैंसर के इलाज में मदद मिली है और आनुवांशिक रोगों का इलाज संभव हो सका है।
- वर्ष 1911 में जब मैरी क्यूरी को रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया गया तो वो विश्व की पहली वैज्ञानिक थीं जिन्होंने दो बार नोबेल पुरस्कार जीता।
- वैसे रसायन के लिए दो बार नोबेल पुरस्कार जीतने वाले वैज्ञानिक फ्रेडरिक सेंगर हैं जिन्होंने 1958 और 1980 में यह पुरस्कार मिला।
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