भारतीय मसाला बोर्ड तथा डीबीटी-एसएबीसी बायोटेक किसान हब ने कोटा कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से गुणवत्तायुक्त धनिये केउत्पादन,फसल कटाई के बाद, मूल्य संवर्धन तथा भारत से धनिये का निर्यात बढ़ाने पर वर्ल्ड ऑफ कोरिऐन्डर वेबिनार 4 जनवरी 2021 को आयोजित किया।
- दक्षिण पूर्व राजस्थान का हदोती क्षेत्र तथा मध्यप्रदेश का गुना जिला धनिया उत्पादन के लिए जाना जाता है और देश से धनिया के निर्यात में इनका महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- आईसीएआर-एनआरसीएसएस, अजमेर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ.एस.एस. मीणा तथा कोटा कृषि विश्वविद्यालय, कोटा के निदेशक (शोध) डॉ. प्रताप सिंह ने विभिन्न प्राकृतिक मसालों से विकसित पौधों में सुधार और उनकी स्क्रीनिंग, आईपीएम आधारित श्रेष्ठ कृषि व्यवहारों (जीएपी) के प्रोत्साहन तथा लोंगिया बीमारी पर काबू पाने के लिए आरकेडी-18 तथा एसीआर-1 जैसी बीमारी रोधी किस्मों को लोकप्रिय बनाने पर बल दिया।
- कोटा जिला की रामगंज एपीएमसी मंडी एशिया में धनिया की सबसे बड़ी मंडी है और इसे कोरिऐन्डर सिटी के रूप में जाना जाता है। हाल में भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) की सूची में धनिया को कोटा जिले का उत्पाद माना है।