प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 24 NOV 2020 को लचित दिवस पर लचित बोरफूकन को श्रद्धांजलि अर्पित की।
- लचित बोरफूकन एक अदभुत नेता और रणनीतिकार थे, जिन्होंने असम की अनूठी संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उन्होंने गरीबों और पिछड़े लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में भी अमिट योगदान दिया.
- लचित बोरफूकन, जिसका मूल नाम लचित डेका था, अहोम कमांडर था जिसका जन्म 17वीं शताब्दी में आधुनिक असम के गोलघाट जिला के बेटिओनी में हुआ था।
- उन्हें अहोम राजा चक्रध्वज सिंघा ने ‘बोरफूकन’ पद पर नियुक्त किया था। उसके बाद से वे लचित बोरफूकन के रूप में जाने गये।