कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते देश में अप्रत्याशित स्थिति के बीच 24 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का वर्चुअल माध्यम से आयोजन किया गया । गौरतलब है कि इससे पहले राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का आयोजन भव्य स्वरूप में किया जाता रहा है और कई अवसरों पर स्वयं प्रधानमंत्री इन आयोजनों में उपस्थित होते रहे हैं। इस वर्ष राष्ट्रीय समारोह को दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित करने का प्रस्ताव था।
पृष्ठभूमि
24 अप्रैल, 1993 का दिन देश में सत्ता के विकेंद्रीकरण की दिशा में ऐतिहासिक अवसर था, जब सत्ता को जमीनी स्तर तक पहुंचाया गया। पंचायती राज व्यवस्था को संस्थागत स्वरूप दिया गया और इसके लिए संविधान में 73वां संशोधन किया गया और इसी दिन से यह प्रभाव में आया।
पंचायती राज मंत्रालय प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाता है क्योंकि इसी दिन संविधान में 73वें संशोधन के द्वारा पंचायती राज व्यवस्था अस्तित्व में आई थी। यह आयोजन देश के अलग-अलग हिस्सों से पंचायत प्रतिनिधियों से सीधे बात करने और उनकी उपलब्धियों को सम्मान देने, उन्हें आगे के लिए और सशक्त बनाने एवं प्रेरित करने का अवसर होता है।
पंचायत पुरस्कार
प्रत्येक वर्ष इस अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा पंचायतों को लोगों को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए पुरस्कृत करता है।
पंचायतों को यह पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में दिए जाते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं: दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार (डीडीयूपीएसपी), नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार (एनडीआरजीजीएसपी), ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) सम्मान और ई-पंचायत पुरस्कार (यह सम्मान केवल राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दिए जाते हैं।