राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने दीपावली त्योहार के अवसर पर कामधेनु दीपावली मनाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है।
- इस अभियान के माध्यम से कामधेनु आयोग दीपावली के दौरान गाय के गोबर और इससे बने उत्पादों के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहा है।
- इस साल दीपावली से पहले ही गाय के गोबर से बने दीए, धूप बत्तियां, स्वास्तिक, पेपर वेट, हवन सामग्री और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां बनना शुरू हो गई हैं।
- कामधेनु आयोग ने दीपावली के दौरान 11 करोड़ घरों में गाय के गोबर से बने 33 करोड़ दीए पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
- गौवंश आधारित हजारों उद्यमों के लिए अवसर सृजित होने के अलावा गाय के गोबर से बने उत्पादों के इस्तेमाल से स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण मिलेगा। इसके साथ ही गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना
- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 6 Feb. 2019 को गौवंश के संरक्षण,सुरक्षा और विकास के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना को मंजूरी प्रदान की थी।
- राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना से देश में स्वदेशी गाय सहित गायों के संरक्षण, सुरक्षा और विकास को बल मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप देश में पशुधन क्षेत्र का तीव्र विकास होगा, जिसका लाभ विशेष रूप से महिलाओ और छोटे एवं सीमांत किसानो को मिलेगा।
- राष्ट्रीय कामधेनु आयोग गायों के प्रजनन,पालन, जैविक खाद और बॉयोगैस आदि के क्षेत्र में कार्यरत केंद्र और राज्य सरकार के विभागो और संगठनो तथा पशुचिकित्सा, पशु विज्ञान और कृषि विश्वविद्यालयो के साथ मिलकर कार्य करेगा। गोवंश के संरक्षण, सुरक्षा और विकास के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना से देश में गाय के संरक्षण हेतु नीतिगत ढांचा और दिशा मिलेगी और इससे गायों के कल्याण के लिए कानूनों का उचित क्रियान्यवन सुनिश्चित किया जा सकेगा। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना केंद्रीय बजट 2019-20 में की गई घोषणा के अनुरूप की गई है।