केन्द्र ने केवल वर्ष 2020-21 के लिए राज्यों की उधार की सीमा 3% से बढ़ाकर 5% (GSDP का) करने का फैसला किया है। इससे राज्यों को 4.28 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन मिल सकेंगे।
इस उधार का हिस्सा कुछ विशिष्ट सुधारों से जोड़ा जाएगा (वित्त आयोग की सिफारिशों सहित)।
सुधारों को चार क्षेत्रों से जोड़ा जाएगा: ‘एक देश एक राशन कार्ड’ का सार्वभौमिकरण, कारोबार में सुगमता, बिजली वितरण और शहरी स्थानीय निकाय।
एक विशिष्ट योजना, व्यय विभाग द्वारा निम्नलिखित पैटर्न पर अधिसूचित की जाएगी:
- 0.50 प्रतिशत की बिना शर्त वृद्धि
- 0.25 प्रतिशत के 4 हिस्सों में 1 प्रतिशत, जिसमें प्रत्येक हिस्सा स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट, मापने योग्य और व्यवहार्य सुधार कार्यों से जुड़ा हुआ हो
- आगे 0.50 प्रतिशत और, अगर चार में से कम से कम तीन सुधार क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल कर लीजाएं।