मैटिरियल अनुसन्धान के लिए भारत जापान वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग के तत्वावधान में स्थापित भारतीय बीमलाइन (Indian beamline project ) का तीसरा चरण 23 मार्च 2021 को शुरू हुआI यह चरण औद्योगिक अनुप्रयोग अनुसन्धान पर केन्द्रित होगाI
- तीसरे चरण की शुरुआत जापान में भारतीय राजदूत श्री संजय कुमार वर्मा और इंस्टीटयूट ऑफ़ मैटिरियल स्ट्रक्चर साइंस के निदेशक डॉ. कोसुगी नोबुहिरो के बीच समझौते के एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने के साथ ही इस तीसरे चरण की शुरुआत हुई हैI
- इस चरण में मैटिरियल रिसर्च में आधुनिकतम एक्स-रे प्रविधियों में प्रशिक्षण देने के लिए भारत से जाने वाले युवा शोधार्थियों की संख्या बढ़ाई जाएगीI
- इसके अलावा अधिक से अधिक शोधार्थियों को पहले से अधिक बीमसमय देने के लिए प्रयास किए जाएंगेI इस समय इस प्रक्रिया के लिए आवेदन करने वाले शोधार्थियों में से मात्र 50 प्रतिशत को ही बीमटाइम मिल पाता है I
- भारतीय बीमलाइन का निर्माण और अनुरक्षण साहा इंस्टीटयूट ऑफ़ न्यूक्लियर फिजिक्स (एसआईएनपी), कोलकाता और जवाहर लाल नेहरु आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर), बैगलुरु ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के नैनो मिशन के सहयोग से जापान के हाई इनर्जी ऐसिलिरेटर रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (केईके) की सिन्क्रोत्रोन लाईट सोर्स फोटोन फैक्ट्री में किया हैI