भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 18 फरवरी को एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो 80 प्रतिशत वस्तुओं पर शुल्क कम करेगा और संयुक्त अरब अमीरात को भारत से 90 प्रतिशत निर्यात पर शून्य शुल्क पहुंच प्रदान करेगा।
- इस मुक्त व्यापार समझौते को कांप्रिहेंसिव इकोनमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट यानी व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA) का नाम दिया गया है।
- 88 दिनों की बातचीत के बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री द्वारा व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का यह पहला पूर्ण FTA है। इसके मई 2022 से लागू होने की उम्मीद की जा रही है।
- दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 100 अरब डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2020-21 में दोनों देशों ने 43.3 अरब डालर (3.24 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार किया था।
- संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है, इसलिए इस व्यापारिक समझौते को काफी अहम माना जा रहा है।
- भारतीय वस्तुओं के लिए अफ्रीका, खाड़ी देश व कुछ यूरोपीय देश का बाजार भी भारत के लिए खुल जाएगा जहां भारत का निर्यात अभी कम है। संयुक्त अरब अमीरात के बाजार में अब किसी भी दवा उत्पाद को आवेदन करने के 90 दिनों के बाद शून्य प्रशुल्क पर बिक्री की इजाजत मिल जाएगी। सेवा क्षेत्र में आइटी, टूरिज्म को काफी लाभ मिलेगा।
- समझौते में सामान, सेवाएं, उत्पत्ति के नियम, सीमा शुल्क प्रक्रियाएं, सरकारी खरीद, बौद्धिक संपदा अधिकार और ई-कॉमर्स सहित कई क्षेत्र शामिल हैं।