भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने हाल ही में डेयरी उत्पाद से अगली पीढ़ी के प्रोबायोटिक (probiotic) जीवाणु लैक्टोबैसिलस प्लांटेरम जेबीसी5 (Lactobacillus Plantarum JBC5) की पहचान की है, जो स्वस्थ बुढ़ापा देने में व्यापक आशा जगाती है।
- टीम ने इस प्रोबायोटिक जीवाणु का उपयोग कर दही भी विकसित की है, जिसका सेवन इन सभी स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
- भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी), गुवाहाटी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. एली मेटचनिकॉफ के प्रस्ताव के बाद किण्वित डेयरी उत्पादों में स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ बैक्टीरिया की खोज की।
- उन्होंने एक डेयरी उत्पाद से अगली पीढ़ी के प्रोबायोटिक जीवाणु लैक्टोबैसिलस प्लांटेरम जेबीसी5 की खोज की, जो कि काईनोर्हेब्डीटीज एलिगेंस, —एक मुक्त-जीवित, पारदर्शी सूत्रकृमि है जीवित समशीतोष्ण मिट्टी के वातावरण में रहती है, नामक एक मॉडल जीव पर स्वस्थ उम्र बढ़ने को बढ़ावा देने में व्यापक आशा जगाता है।
क्या है प्रोबायोटिक्स ?
- प्रोबायोटिक्स सजीव बैक्टीरिया और खमीर हैं जो मानव के लिए अच्छे हैं, खासकर पाचन तंत्र के लिए। जब कोई व्यक्ति शरीर में “अच्छे” बैक्टीरिया खो देता है, उदाहरण के लिए एंटीबायोटिक्स लेने के बाद, प्रोबायोटिक्स उन्हें बदलने में मदद कर सकते हैं।
- वे “अच्छे” और “बुरे” बैक्टीरिया को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं ताकि मानव शरीर को उस तरह से काम करना चाहिए जैसे उसे करना चाहिए।
- लैक्टोबैसिलस, बिफीडोबैक्टीरियम, सैक्रोमाइसेस बोलार्डी प्रोबायोटिक्स के कुछ उदहारण हैं।