राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में हरित क्षेत्र विकसित करने के लिए अपनी तरह के प्राथमिक प्रयासों में, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने 27 जुलाई को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सहयोग से जैसलमेर के तनोट गाँव में बांस के 1000 पौधे लगाए।
- केवीआईसी के प्रोजेक्ट बोल्ड (सूखे क्षेत्र वाली भूमि पर बांस आधारित हरित क्षेत्र) के हिस्से के रूप में बांस रोपण का उद्देश्य मरुस्थलीकरण को कम करने और स्थानीय आबादी को आजीविका उपलब्ध कराने तथा बहु-विषयक ग्रामीण उद्योग सहायता प्रदान करने के संयुक्त राष्ट्रीय लक्ष्यों की पूर्ति करना है।
- भारत-पाकिस्तान सीमा पर लोंगेवाला पोस्ट के पास स्थित प्रसिद्ध तनोट माता मंदिर के पास 2.50 लाख वर्ग फुट से अधिक ग्राम पंचायत भूमि में बांस के पौधे लगाए गए हैं।
‘प्रोजेक्ट बोल्ड’
- ‘प्रोजेक्ट बोल्ड’ 4 जुलाई को राजस्थान के उदयपुर जिले के एक आदिवासी गांव निचला मंडवा से शुरू किया गया था, जिसके तहत 25 बीघा शुष्क भूमि पर विशेष बांस प्रजातियों के 5000 पौधों का रोपण किया गया था।
- यह पहल भूमि क्षरण को कम करने और देश में मरुस्थलीकरण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के अनुरूप है। देश की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में “आजादी का अमृत महोत्सव” मनाने के लिए केवीआईसी के “खादी बांस महोत्सव” के हिस्से के रूप में यह पहल शुरू की गई है।