उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में अस्कोट वन्यजीव अभयारण्य (Askot Wildlife Sanctuary) को इको-सेंसिटिव जोन (ESZ) घोषित किया गया है।
- केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से 3 दिसंबर को जारी गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक अभयारण्य क्षेत्र को घटा दिया गया है. नतीजतन, अभयारण्य क्षेत्र अब मूल क्षेत्र 599.93 वर्ग किलोमीटर से केवल 454.65 वर्ग किलोमीटर तक सीमित रह गया है, जिससे जीवों के घूमने के लिए अपेक्षाकृत कम क्षेत्र है।
- ‘पृथ्वी पर हरित स्वर्ग’ (Green Paradise on the Earth) के रूप में जाना जाने वाला अभयारण्य, जो कुमाऊं क्षेत्र में पिथौरागढ़ से लगभग 54 किमी उत्तर में स्थित है, 1986 में मुख्य रूप से कस्तूरी मृग (musk deer) और अन्य दुर्लभ हिमालयी प्रजातियों और उनके प्राकृतिक पर्यावासों के संरक्षण के लिए स्थापित किया गया था।
- लेकिन गांवों की उपस्थिति के कारण, यहाँ मानव अतिक्रमण के साथ-साथ मानव पशु संघर्षों में वृद्धि देखी जा रही थी।
- अभयारण्य में कस्तूरी मृग के अलावा 2600 पौधे, 250 पक्षी और 37 स्तनपायी प्रजातियां जैसे हिम तेंदुआ, हिमालयी काला भालू, हिमालयी तहर, नीली भेड़, सीरो पायी जाती हैं। जीवों में लूंग, मोनाल, कलिज तीतर और चीयर तीतर जैसी प्रजातियां शामिल हैं।