प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ( Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana-PMMVY) लागू करने में मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है। केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी नई दिल्ली में 3 फ़रवरी 2020 को एक समारोह में मध्य प्रदेश को यह पुरस्कार किया।
एक करोड़ से अधिक आबादी वाले राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को इस योजना की शुरूआत से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की श्रेणी में पहला पुरस्कार मध्य प्रदेश, दूसरा आन्ध्र प्रदेश और तीसरा हरियाणा को प्रदान किया गया। इसी श्रेणी में एक करोड़ से कम आबादी वाले राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में दादर एवं नगर हवेली को पहला स्थान, हिमाचल प्रदेश को दूसरा और चंडीगढ़ को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
एक करोड़ से अधिक आबादी वाले राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए जिला स्तर पुरस्कारों में पहला स्थान मध्य प्रदेश के इन्दौर, दूसरा स्थान आन्ध्र प्रदेश के कुर्नूल और तीसरा स्थान असम के दक्षिण सलमारा मनकाचार को हासिल हुआ।
एक करोड़ से कम आबादी वाले राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के जिलों में पहला स्थान मिजोरम में सेरछिप और दूसरा स्थान हिमाचल प्रदेश में ऊना को और तीसरा स्थान पुदुचेरी को प्राप्त हुआ।
मातृ वंदना योजना का मुख्य उद्देश्य महिला कामगारों को गर्भावस्था के दौरान अवकाश पर होने के कारण पारिश्रमिक में नुकसान की भरपाई के लिए पांच हजार रुपये देना और उनको समुचित आराम और पोषाहार सुनिश्चित करना है।
मातृ वंदना योजना
- भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2017 से देश के सभी जिलों में पीएमएमवीवाई के कार्यान्वयन की मंजूरी दी जा चुकी है। पीएमएमवीवाई प्रत्यक्ष लाभ अंतरण(डीबीटी) योजना है, जिसके अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को नकद लाभ सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाता है ताकि वे पौष्टिकता आवश्यकताओं को बढ़ा सकें और मजदूरी नुकसान की आंशिक भरपाई कर सकें।
- योजना के अंतर्गत उन गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को तीन किस्तों में पांच हजार रुपए का नकद लाभ प्राप्त होता है, जिन्होंने प्रसव का प्रारंभिक पंजीकरण कराया है, प्रसुति जांच कराई है, बच्चे के जन्म का पंजीकरण कराया है और परिवार के पहले बच्चे के लिए टीकाकरण का पहला चक्र पूरा किया है।
- पात्र लाभार्थियों को जननी सुरक्षा योजना(जेएसवाई) के अन्तर्गत नकद प्रोत्साहन भी दिया जाता है। इस तरह औसत रूप में एक महिला को 6,000 रुपए मिलते हैं।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत सभी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए मातृत्व लाभ उपलब्ध है। इसमे वे महिलाएं शामिल नहीं हैं, जो केन्द्र या राज्य सरकार अथवा सार्वजनिक क्षेत्र को उपक्रमों में नियमित कर्मचारी हैं। इनके अलावा इस समय लागू किसी भी काऩून के अंतर्गत इसी प्रकार का लाभ पाने वाली महिलाओँ को भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- इस योजना के उद्देश्य हैं: (i) गर्भवती महिला के वेतन में कटौती के लिए नगद प्रोत्साहन राशि के रुप में आंशिक मुआवजा प्रदान करना है, ताकि महिला पहले बच्चे के जन्म से पहले तथा बाद में पर्याप्त आराम कर सके;(ii) नगद प्रोत्साहन राशि से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ेगी।