प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडिया कांफ्रेंस के जरिये 28 दिसंबर, 2020 को महाराष्ट्र में संगोला से पश्चिम बंगाल में शालीमार तक 100वीं किसान रेल को झंडी दिखाकर रवाना किया ।
- इस रेलगाड़ी में फूलगोभी, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, सहजन, मिर्च और प्याज जैसी सब्जियों के साथ अंगूर, संतरा, अनार, केला और शरीफा तथा अन्य फल सब्जियां ले जाई जाएंगी।
- मार्ग में गाड़ी रुकने पर इन वस्तुओं के उतारने और लादने की अनुमति रहेगी और खेप के आकार पर कोई सीमा नहीं रहेगी।
- भारत सरकार ने फलों और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी है।
- पहली किसान रेल 7 अगस्त 2020 को देवलाली से दानापुर के लिए शुरू की गई थी, जिसे बाद में मुजफ्फरपुर तक बढा दिया गया था।
- किसानों से अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद इस रेलगाड़ी को साप्ताहिक से हफ्ते में तीन दिन के लिए बढ़ा दिया गया था।
- किसान रेल देश में कृषि उत्पादों के त्वरित परिवहन के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुई है।
- किसान रेल जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने-ले-जाने की निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करती है।