पीएम फॉरमलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (PM-FME) योजना

क्या: पीएम फॉरमलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज योजना

कब: 29 जून 2020

किसने: श्रीमती हरसिमरत कौर बादल

क्यों: सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने 29 जून 2020 को “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के एक भाग के रूप में पीएम एफएमई: पीएम फॉरमलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (PM Formalization of Micro Food Processing Enterprises: PM FME) योजना की शुरुआत की।

मुख्य विशेषताएं

योजना से कुल 35,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 9 लाख कुशल और अर्ध-कुशल रोजगार सृजित होंगे और सूचना, प्रशिक्षण, बेहतर प्रदर्शन और औपचारिकता तक पहुंच के माध्यम से 8 लाख इकाइयों को लाभ होगा। इस अवसर पर योजना के दिशा-निर्देश जारी किए गए।

मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से अखिल भारतीय स्‍तर पर आरम्भ “केन्‍द्र प्रायोजित पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोससिंग एंटरप्राइज (पीएम एफएमई) योजना” 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि में लागू की जाएगी।

इस योजना के तहत खर्च केन्‍द्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में, पूर्वोत्‍तर और हिमालयी राज्यों के साथ 90:10 के अनुपात में, संघ शासित प्रदेशों के साथ 60:40 के अनुपात में और अन्य केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लिए केन्‍द्र द्वारा 100 प्रतिशत साझा किया जाएगा।

यह योजना निवेश के प्रबन्‍ध, आम सेवाओं का लाभ उठाने और उत्पादों के विपणन के मामले में बड़े पैमाने पर लाभ उठाने के लिए एक जिला एक उत्‍पाद (ओडीओडीपी) के दृष्टिकोण को अपनाती है। राज्य मौजूदा समूहों और कच्चे माल की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए एक जिले के लिए खाद्य उत्पाद की पहचान करेंगे। ओडीओपी उत्पाद खराब होने वाला उत्‍पाद या अनाज आधारित उत्पाद या एक जिले और उनके संबद्ध क्षेत्रों में व्यापक रूप से उत्पादित खाद्य उत्पाद हो सकता है।

अपनी इकाई के उन्नयन की इच्छुक मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां पात्र परियोजना लागत का 35 प्रतिशत क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकती हैं जिसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये प्रति इकाई है।

परियोजना शुरू करने के लिए आवंटित पूँजी @ 40,000 रूपये प्रति स्‍व सहायता समूह सदस्य कार्यशील पूंजी और छोटे उपकरणों की खरीद के लिए प्रदान की जाएगी। एफपीओ / एसएचजी / निर्माता सहकारी समितियों को मूल्य श्रृंखला के साथ पूंजी निवेश के लिए 35 प्रतिशत का क्रेडिट लिंक्ड अनुदान प्रदान किया जाएगा।

योजना में क्षमता निर्माण और अनुसंधान पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है। एनआईएफटीईएम और आईआईएफपीटी, राज्यों द्वारा चुने गए राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थानों के साथ एमओएफपीआई के तहत दो शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों को इकाइयों, उत्पाद विकास, उपयुक्त पैकेजिंग और सूक्ष्म इकाइयों के लिए मशीनरी के प्रशिक्षण के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।

FROM TOP TO TOTAL

एमओएफपीआई द्वारा कार्यान्वित की जा रही ऑपरेशन ग्रीन्स योजना (Operation Greens) का टमाटर, प्याज और आलू (TOP) फसलों से लेकर अन्य अधिसूचित बागवानी फसलों तक विस्‍तार (TOTAL) कर दिया गया है ताकि उत्पादन क्षेत्र से प्रमुख उपभोग केन्‍द्रों तक उनके परिवहन और अधिशेष उत्‍पादन क्षेत्र से भंडारण के लिए सब्सिडी प्रदान करनेकी जा सके। हस्तक्षेप का उद्देश्य फल और सब्जियों के उत्पादकों को लॉकडाउन के कारण कम बिक्री से बचाना और फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना है।

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