प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 अक्टूबर 2021 को पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन का शुभारंभ किया।
- 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, 2021-22 के बजट में घोषित पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन, सबसे बड़ी अखिल भारतीय स्वास्थ्य अवसंरचना योजना है जिसका उद्देश्य उभरते सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान देने के लिए भारत की क्षमता को एक बहुत ही आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करना है।
- देश के स्वास्थ्य क्षेत्र की अलग-अलग खामियों से निपटने के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तीन बड़े पहलू हैं।
- पहला, डायग्नोस्टिक और ट्रीटमेंट के लिए विस्तृत सुविधाओं के निर्माण से जुड़ा है। इसके तहत गांवों और शहरों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं, जहां बीमारियों को शुरुआत में ही डिटेक्ट करने की सुविधा होगी। इन सेंटरों में फ्री मेडिकल कंसलटेशन, फ्री टेस्ट, फ्री दवा जैसी सुविधाएं मिलेंगी। गंभीर बीमारी के लिए 600 जिलों में 35 हजार नए क्रिटिकल केयर संबंधी बेड जोड़े जा रहे हैं और 125 जिलों में रेफरल सुविधाएं दी जाएंगी।
- योजना का दूसरा पहलू, रोगों की जांच के लिए टेस्टिंग नेटवर्क से जुड़ा है। इस मिशन के तहत, बीमारियों की जांच, उनकी निगरानी कैसे हो, इसके लिए जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। देश के 730 जिलों को इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब और तीन हजार प्रखंडों को ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट मिलेगी।
- तीसरा पहलू, महामारी का अध्ययन करने वाले मौजूदा शोध संस्थानों के विस्तार से जुड़ा है। मौजूदा 80 वायरल डायग्नोस्टिक और अनुसंधान प्रयोगशालाओं को मजबूत किया जाएगा, जैव सुरक्षा स्तर की 15 प्रयोगशालाएं संचालित की जाएंगी, चार नए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की स्थापना की जा रही है।
- यह भारत के स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में एक आदर्श बदलाव लाएगा तथा इसे और अधिक मजबूत बनाएगा।
- जिला स्तर पर विभिन्न प्रकार के 134 परीक्षण मुफ्त में किए जाएंगे, जिससे न केवल लागत बचेगी बल्कि गरीब लोगों के लिए अनावश्यक असुविधा भी कम होगी। दूसरे, एशिया में पहली बार, व्यापक चिकित्सा सुविधाओं वाले कंटेनर-आधारित दो अस्पताल हर समय तैयार रखे जाएंगे, जिन्हें देश में किसी भी आपदा याविपदा के समय स्थिति से निपटने के लिए रेल या हवाई मार्ग के जरिए तेजी से इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
- योजना के तहत प्रस्तावित 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक का विकास, ऐसे जिलों को अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान के बिना संक्रामक रोगों के लिए व्यापक उपचार प्रदान करने में काफी हद तक आत्मनिर्भर बना देगा और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में गहन चिकित्सा देखभाल क्षमताओं को भी बढ़ाएगा।
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