येले एवं कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा विश्व आर्थिक मंच के सहयोग से जारी पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2020 (Environmental Performance Index 2020) में विश्व के 180 देशों में भारत को 168वीं रैंकिंग प्राप्त हुयी है।
सूचकांक में भारत को कुल 27.6 स्कोर प्राप्त हुआ है। वर्ष के सूचकांक में भारत 177वें स्थान पर था। इसका मतलब है कि भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है, हालांकि यह सुधार संतोषजनक नहीं है।
डेनमार्क (82.5 स्कोर) को सूचकांक में सर्वोच्च स्थान प्राप्त हुआ है जबकि 82.3 अंकों के साथ लक्जमबर्ग दूसरे स्थान पर 81.5 स्कोर के साथ स्विटजरलैंड तीसरे स्थान पर है।
अमेरिका की हवा को अधिक स्वच्छ कहने का दावा करने वाले ट्रम्प को निराश होना पड़ा है क्योंकि अमेरिका सूचकांक में 24वें स्थान पर है।
पर्यावरण प्रदर्शन के मामले में भारत, भूटान (107वें), चीन (120वें), पाकिस्तान (142वें) से भी नीचे है। सूचकांक में भारत के निम्न स्कोर के बारे में कहा गया है कि देश को सततता आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान देना चाहिए तथा वायु एवं जल गुणवत्ता, जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर विषयों को अधिक प्राथमिकता देने की जरूरत है।
मत्स्यन के मामले में भारत 35वें स्थान पर है जो भारत के बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है वहीं स्वास्थ्य (172वें स्थान), भारी धातु-लेड (174) तथा पारितंत्र जरूरत (174) के मामले में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक है।
क्या है पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक?
प्रत्येक दो वर्षों पर येले एवं कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा विश्व आर्थिक मंच के सहयोग पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक जारी किया जाता है। यह सूचकांक 11 मुद्दों के 32 प्रदर्शन संकेतकों पर आधारित है।
यह सूचकांक विश्व के 180 देशों को पर्यावरणीय स्वास्थ्य (environmental health) एवं पारितंत्र जीवन (ecosystem vitality) पर प्रदर्शन मापता है।
Source: EPI-2020, Graph Image credit: The Guardian