वर्ष 2020 का नोबल शांति पुरस्कार भूख के खिलाफ जंग लड़ने वाला संयुक्त राष्ट्र संघ संगठन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (World Food Programme) को दिया गया है।
- नोबेल पुरस्कार समिति के अनुसार वर्ल्ड फूड प्रोग्राम जिस तरह से भूख के खिलाफ एक बड़ी जंग लड़ रहा है, उससे वह इसका हकदार है।
- समिति ने संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में शांति और युद्ध के हथियार के रूप में भूख के उपयोग को रोकने के लिए किए गए प्रयासों पर WFP की सराहना की।
- विश्व भर में आपातस्थितियों में इसका काम यह देखना है कि जरूरतमंदों तक खाद्य सामग्री की पहुंच सुनिश्चित हो सके विशेषकर गृह युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं में।
- पिछले साल इथियोपिया के प्रधानमंत्री एबी अहमद अली को नोबल शांति पुरस्कार के इस सम्मान से नवाजा गया था।
विश्व खाद्य कार्यक्रम
- इस कार्यक्रम की स्थापना संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डी आइजनहावर के सुझाव पर हुयी थी।
- वर्ष 1965 में विश्व खाद्य कार्यक्रम पूर्ण रूप से संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम का हिस्सा बन गया।
- विश्व खाद्य कार्यक्रम इसकी एक्सक्युटिव समिति द्वारा शासित होती है जिसमें 36 सदस्य शामिल हैं।
- यह पूर्णतः स्वैच्छिक वित्तीय अंशदान पर निर्भर है और विश्व भर की सरकारें इसका मुख्य दाता है। हालांकि निजी क्षेत्र एवं व्यक्ति अंशदान भी इसको प्राप्त होते हैं।