केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने 22 फरवरी, 2021 को 18 राज्यों में विस्तृत 50 शिल्पियों पर आधारित एसएफयूआरटीआई समूहों (SFURTI clusters) का उद्घाटन किया।
उद्घाटन किए गए इन 50 समूहों में, 42000 से अधिक शिल्पियों को मलमल, खादी, कॉयर, हस्तकला, हथकरघा, काठ शिल्प, चमड़े, मिट्टी के बर्तन, कालीन बुनाई, बांस, कृषि प्रसंस्करण, चाय, आदि के पारंपरिक क्षेत्रों में सहयोग दिया गया है। भारत सरकार के सुक्ष्म, लघु और उद्यम मंत्रालय ने इन 50 समूहों के विकास के लिए लगभग 85 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की है।
एमएसएमई मंत्रालय पारंपरिक उद्योगों और शिल्पियों को समूहों में संगठित करने, उनकी आय बढ़ाने और पारंपरिक उद्योगों को पुनर्स्थापित करने के लिए फंड ऑफ रिजेनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज (Scheme of Fund for Regeneration of Traditional Industries: SFURTI) को कार्यान्वित कर रहा है।
एसएफयूआरटीआई (SFURTI)) समूह दो प्रकार के होते हैं अर्थात, सामान्य समूह (500 कारीगर) जिनकी सरकारी सहायता 2.5 करोड़ रूपये और मुख्य समूह (500 से अधिक कारीगर) हैं जिनकी सरकारी सहायता 5 करोड़ तक है।
कारीगरों को एसपीवी में संगठित किया जाता है, और यह (i) सोसायटी (पंजीकरण) अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत एक संस्था, (ii) एक उपयुक्त सांविधि के तहत एक सहकारी समिति, (iii) कंपनी अधिनियम, 2013 (2013 का 18) की धारा 465 (1) के तहत एक निर्माता कंपनी (iv) कंपनी अधिनियम, 2013 (2013 का 18) के अंतर्गत एक सैक्शन 8 कंपनी अथवा (v) एक ट्रस्ट हो सकती है।