आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विपणन सीजन 2020-21 के लिए सभी अनिवार्य खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।
खरीफ सीजन (kharif season 2020-21) की 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) का ऐलान किया गया है. इन फसलों के एमएसपी में फसल की लागत का 50 से लेकर 83 फीसदी तक का मुनाफा शामिल किया गया है.
सरकार ने विपणन सीजन 2020-21 के लिए खरीफ फसलों की एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों के लिए उनकी उपज के पारिश्रमिक मूल्य को सुनिश्चित किया जा सके।
एमएसपी में उच्चतम वृद्धि नाइजरसीड (755 रुपये प्रति क्विंटल) और उसके पश्चात तिल (370 रुपये प्रति क्विंटल), उड़द (300 रुपये प्रति क्विंटल) और कपास (लंबा रेशा) (275 रुपये प्रति क्विंटल) प्रस्तावित है। पारिश्रमिक में अंतर का उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देना है।
सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 53 रुपये प्रति क्विंटल रुपये बढ़ाकर 1868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 260 रुपये बढ़ाया गया है। इससे मौजूदा फसल वर्ष के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य पांच हजार 515 रुपये प्रति क्विंटल होगा।
ज्वार हाइब्रिड का एमएसपी 2620 (लागत में 50 फीसदी मुनाफा) रुपये/क्विंटल और बाजरा की कीमत 2150 (83 फीसदी मुनाफा) रुपये क्विंटल तय की गई है. मक्का की कीमत 1850 रुपये और अरहर के दाम 7196 रुपये क्विंटल तय किए गए हैं.
एमएसपी निर्धारित करते वक्त उत्पादक की लागत, मूल्यों में परिवर्तन, इनपुट-आउटपुट मूल्य में समानता, मांग-आपूर्ति जैसी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है.