पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला के अंतर्गत 29 अगस्त 2020 को अपने नवीनतम वेबिनार का आयोजन किया, जिसका शीर्षक “हम्पी-अतीत से प्रेरित; भविष्य की ओर अग्रसर” था।
- हम्पी विजयनगर साम्राज्य के अंतिम महान हिंदू साम्राज्य की अंतिम राजधानी थी।
- यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलहम्पी की शानदार अवस्थिति में, तुंगभद्रा नदी, वर्धमान पहाड़ी की श्रृंखलाएं और खुले मैदानों वाले भौगोलिक क्षेत्र शामिल हैं।
- इस साम्राज्य के विभिन्न शहरी, शाही और पवित्र प्रणालियों की विशेषज्ञताएं, 1600 से ज्याद बचे हुए अवशेषों के माध्यम से स्पष्ट होतेहै, जिसमें किले, नदी तट की विशेषताएं, शाही और पवित्र परिसर, मंदिर, धार्मिक स्थल, खंभे वाले हॉल, मंडप, स्मारक संरचनाएं, प्रवेश द्वार, रक्षा चौकियां, अस्तबल, जल संरचनाएं आदि शामिल हैं।
- इसका नाम पंपा से लिया गया है जो कि तुंगभद्रा नदी का पुराना नाम है जिसके किनारे यह शहर बना है।
- 1336 ईस्वी में, विजयनगर साम्राज्य काकंपिली साम्राज्य के पतन के बाद हुआ।
- यह दक्षिण भारत के प्रसिद्ध हिंदू साम्राज्यों में से एक के रूप में विकसित हुआ, जिसने 200 वर्षों तक शासन किया।
- वहां पर कार्यस्थलें, बहु-धार्मिक और बहु-जातीय हुआ करती थी; इसमें एक-दूसरे के आसपास हिंदू और जैन संरचनाएं भी शामिल थे।
- इमारतों में मुख्य रूप से, दक्षिण भारतीय हिंदू कला और वास्तुकला से लेकर एहोल-पत्तदकल शैलियों को भी शामिल किया गया था, लेकिन हम्पी निर्माणकर्ताओं ने लोटस महल, सार्वजनिक स्नान और हाथी अस्तबल में इंडो-इस्लामिक वास्तुकला के तत्वों को भी शामिल किया था।
- कृष्णदेवराय की मृत्यु के साथ ही, पांच मुस्लिम राज्यों- बीजापुर, बीदर, गोलकुंडा, अहमदनगर और बरार की संयुक्त सेनाओं ने 1565 में इस साम्राज्य को समाप्त कर दिया।