तवांग में 1000 वर्ष पुरानी ‘मोनपा’ हस्तनिर्मित कागज उद्योग

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा 25 दिसंबर, 2020 को तवांग में मोनपा हस्तनिर्मित कागज निर्माण ईकाई (Monpa Handmade Paper of Arunachal Pradesh ) की शुरूआत की गई, जिसका उद्देश्य न केवल इस कला को पुनर्जीवित करना है बल्कि स्थानीय युवाओं को इस कला के माध्यम से पेशेवर रूप से जोड़ना और उनको धन अर्जित करवाना भी है।

  • खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के समर्पित प्रयासों के फलस्वरूप 1000 वर्ष पुरानी परंपरागत कला- अरुणाचल प्रदेश का मोनपा हस्तनिर्मित कागज उद्योग- जिसे विलुप्त होने के लिए छोड़ दिया गया था, एक बार फिर जिंदा हो गया है।
  • मोनपा हस्तनिर्मित कागज निर्माण कला की शुरूआत 1000 वर्ष पूर्व हुई थी और धीरे-धीरे यह कला अरुणाचल प्रदेश के तवांग में स्थानीय रीति-रिवाजों और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बन गई।
  • एक समय में इस हस्तनिर्मित कागज का उत्पादन तवांग के प्रत्येक घर में होता था औरयह स्थानीय लोगों केलिए उनकी आजीविका का एक प्रमुख स्रोत बन गया था।
  • हालांकि, पिछले 100 वर्षों से यह हस्तनिर्मित कागज उद्योग लगभग गायब हो चुका था; जिसने केवीआईसी को इस प्राचीन कला का पुनरुद्धार करने की योजना बनाने के लिए प्रेरित किया।

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