तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ए. पलानीस्वामी ने घोषणा की है कि, राज्य में कावेरी डेल्टा क्षेत्र को संरक्षित विशेष कृषि क्षेत्र घोषित किया जाएगा।
उन्होंने 9 फरवरी, 2020 को अपने गृहनगर सलेम के पास थलाइवासल गाँव में एशिया के सबसे बड़े पशुधन फार्म की आधारशिला रखी। अपने संबोधन में, मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपनी टीम से कानूनी सलाह लेकर एक विशेष कानून बनाने के लिए बात करेंगे। डेल्टा क्षेत्र एक संरक्षित क्षेत्र है।
तथ्य
- तमिलनाडु के चावल का कटोरा के रूप में ज्ञात कावेरी डेल्टा में आठ जिले शामिल हैं, और इनको ‘संरक्षित विशेष कृषि क्षेत्र’ (PSAZ) के रूप में घोषित किया जाएगा। डेल्टा क्षेत्रों की रक्षा और किसानों की चिंताओं के मद्देनजर तंजावुर, तिरुवरुर, नागप्पट्टिनम, पुदुकोट्टई, कुड्डलोर, अरियालुर, करूर और तिरुचिरापल्ली जिलों में विशेष सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
- उपर्युक्त घोषणा हाइड्रोकार्बन की खोज और खाद्य सुरक्षा को लेकर किसान की चिंताओं के मद्देनजर की गयी है।
- उल्लेखनीय है कि 2017 में केंद्र सरकार ने नेदुवासल सहित 31 छोटे क्षेत्रों में खोजे गए हाइड्रोकार्बन निष्कर्षण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था । दो साल बाद इसने वेदांता लिमिटेड को तमिलनाडु और पुडुचेरी में 274 हाइड्रोकार्बन कुओं के लिए परीक्षण करने की अनुमति दी।
- 28 लाख एकड़ में 33 लाख टन अनाज का उत्पादन करने वाले डेल्टा में मीथेन, हाइड्रोकार्बन, तेल और प्राकृतिक गैस परियोजनाओं के खिलाफ एक दशक से कई विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
- परियोजनाओं के लिए उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण तथा अच्छी तरह से ड्रिलिंग की आवश्यकता होती है – जो भूजल के दुषित होने का खतरा बढ़ाता है ।
- कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन लंबे समय से ऐसे क्षेत्रों को उत्तराखंड और केरल के ऐसे ही विशेष आर्थिक क्षेत्रों के समान संरक्षित विशेष कृषि क्षेत्र घोषित करने की मांग करते रहे हैं ।