रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित पिनाक मिसाइल प्रणाली का 19 दिसंबर 2019 को ओडिसा के चांदीपुर तट के निकट स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सफल उड़ान परीक्षण किया गया।
पिनाक आर्टिलरी मिसाइल प्रणाली है, जो पूरी सटीकता के साथ दुश्मन के इलाके में 75 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
पिनाक एम.के.-2 रॉकेट ( Pinaka MK-II Rocket) को मिसाइल के रूप में सुधारा गया है, जिसमें नौसंचालन, नियंत्रण और दिशा-प्रणाली जोड़ी गई हैं, ताकि उसकी सटीकता और रेंज में इजाफा हो सके। मिसाइल की नौसंचालन प्रणाली को भारतीय क्षेत्रीय नौसंचालन उपग्रह प्रणाली ( Indian Regional Navigation Satellite System: IRNSS) ) से भी मदद मिलती है।
इस मिशन ने रेंज, सटीकता और संचालन प्रणाली की सभी गतिविधियों को कामयाबी से पूरा किया। इसकी ट्रैकिंग टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टारगेटिंग प्रणाली से की जाती है।
मिसाइल प्रणाली को डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं ने विकसित किया है, जिनमें आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (एआरडीईई), अनुसंधान केन्द्र इमारत (आरसीआई), रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), प्रूफ एवं प्रयोगात्मक संगठन (पीएक्सई) और उच्च उर्जा पदार्थ अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) शामिल हैं।