पृष्ठभूमि
भारत के औषधि नियन्त्रण महानिदेशक – (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया-DCGI) ने मध्यम श्रेणी के कोविड-19 लक्षणों वाले रोगियों के उपचार के लिए जाईडस कैडिला द्वारा निर्मित ‘वाईराफिन’ के सीमित उपयोग की आपात स्वीकृति दे दी है I
वाईराफिन (Virafin)
वाईराफिन (Virafin) एक पैगाइलेटेड इन्टरफेरोन अल्फ़ा-2बी (पीईजीआईएफएन) है जिसे संक्रमण की शुरुआत वाले रोगियों को त्वचा के नीचे इंजेक्शन के रूप में दिया गया जिससे वे अपेक्षाकृत जल्दी ठीक हो गए I
वाईराफिन का विकास करने के लिए जाईडस ने एनबीएम के माध्यम से द्वितीय चरण (फेज-2) के मानव चिकित्सकीय परीक्षण अध्ययनों को समर्थन देने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) – जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसन्धान सहायता परिषद – बीआईआरएसी के अनुसन्धान संकाय की सराहना की है I
इन अध्ययनों से वाईराफिन की निरापदता (सुरक्षित होने), सहनशीलता और प्रभावशीलता की पुष्टि हुई है I
वाईराफिन वाइरल लोड
अध्ययनों से यह भी जानकारी मिली कि वाईराफिन वाइरल लोड (विषाणुओं की अधिकता) में कमी लाने के साथ-साथ इस रोग का बेहतर तरीके से उपचार करने में कारगर है I इसमें पूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता में कमी लाना शामिल है जिससे ऑक्सीजन का स्तर घटने के कारण सांस लेने में हो रही कठिनाइयों को कम किया जा सकता है I
बीआईआरएसी (BIRAC)
बीआईआरएसी (Biotechnology Industry Research Assistance Council : BIRAC), जैव-प्रौद्योगिकी विभाग डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी डीबीटी), भारत सरकार द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी धारा 8, अनुसूची बी, सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, जो देश की आवश्यकताओं के अनुरूप विकास कर सकने में सक्षम हो सकने वाले जैव-प्रौद्योगिकी उद्यमों में रणनीतिक अनुसंधान और नवाचार को मजबूत और सशक्त बनाने के लिए एक इंटरफेस एजेंसी के रूप में कार्य करता है।