सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ-सी.डी.एस. नियुक्त किया गया है। उन्होंने 31 दिसंबर, 2019 को कार्यकाल संभाला। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ 65 वर्ष की आयु तक इस पद पर रहेंगे।
हालांकि 28 दिसंबर, 2019 को जारी सरकारी गजट अधिसूचना के अनुसार उनका कार्यकाल निर्धारित नहीं किया गया है।
भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत का कार्यकाल, उनके चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के कार्यकाल से अधिक होगा। चूंकि भारत के तीनों सेनाध्यक्षों का कार्यकाल 62 वर्ष की उम्र या तीन साल, जो भी पहले हो, है। जनरल बिपिन रावत सेवानिवृत्ति के दिन (31 दिसंबर, 2019 को) 62 साल की आयु पूरी नहीं कर पाये हैं इसलिए वे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पर तीन साल से अधिक समय तक रह सकेंगे।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ
- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को देश में उच्च रक्षा प्रबंधन में जबरदस्त सुधार के साथ 4 स्टार जनरल के रैंक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ ( Chief of Defence Staff ) का पद सृजित करने की मंजूरी दी थी , जिनका वेतन और अतिरिक्त सुविधाएँ सर्विस चीफ के बराबर होंगी।
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ सैनिक मामलों के विभाग (डीएमए) का भी प्रमुख होगा, जिसका गठन रक्षा मंत्रालय के भीतर किया जाएगा और वह उसके सचिव के रूप में कार्य करेगा।
- सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख होने के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी के अध्यक्ष भी होंगे।
- वे सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे, लेकिन इसके साथ ही तीनों सेनाओं के अध्यक्ष रक्षा मंत्री को अपनी सेनाओं के संबंध में सलाह देना जारी रखेंगे।
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ तीनों सेनाओं के प्रमुखों का कमान नहीं करेंगे और नहीं किसी अन्य सैन्य कमान के लिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे, ताकि राजनीतिक नेतृत्व को सैन्य मामलों में निष्पक्ष सुझाव दे सके।
चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष के रूप में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ निम्नलिखित कार्य करेंगेः-
- वे तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्यों की देख-रेख करेंगे। तीनों सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों, संगठनों तथा साइबर और स्पेस से संबंधित कार्यों की कमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के हाथों में होगी।
- सीडीएस रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और एनएसए की अध्यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्य होंगे।
- परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे।
- प्रथम सीडीएस के पदभार संभालने के बाद तीन वर्षों के भीतर तीनों ही सेवाओं के परिचालन, लॉजिस्टिक्स, आवाजाही, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्मत एवं रखरखाव इत्यादि में संयुक्तता सुनिश्चित करेंगे।
- अवसंरचना का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करेंगे और तीनों ही सेवाओं के बीच संयुक्तता के जरिए इसे तर्कसंगत बनाएंगे।
- एकीकृत क्षमता विकास योजना (आईसीडीपी) के बाद आगे के कदम के रूप में पंचवर्षीय रक्षा पूंजीगत सामान अधिग्रहण योजना (डीसीएपी) और दो वर्षीय सतत वार्षिक अधिग्रहण योजनाओं (एएपी) को कार्यान्वित करेंगे।
- अनुमानित बजट के आधार पर पूंजीगत सामान खरीद के प्रस्तावों को अंतर-सेवा प्राथमिकता देंगे।
- अपव्यय में कमी करके सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमताएं बढ़ाने के लिए तीनों सेवाओं के कामकाज में सुधारों को लागू करेंगे।