भारत, अफगानिस्तान और ईरान के अधिकारियों की चाबहार बंदरगाह के विकास और प्रबंधन के 2016 के समझौते के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए 20 दिसंबर 2019 को नई दिल्ली में बैठक हुई।
- तीनों देशों ने पिछले वर्ष चाबहार शहीद बहिश्ती बंदरगाह का संचालन का काम इंडिया पोट्स ग्लोबल लिमिटेड द्वारा दिसंबर 2018 में संभालने के बाद काम काज में काफी सुधार हुआ है।
- अंतरराष्ट्रीय पारगमन और परिवहन सुविधा पर भी सहमति हुई। पारगमन, सड़कों, सीमा शुल्क और दूतावास संबंधी मुद्दों पर समांजस्य के लिए शीघ्र समझौते को अंतिम रूप देने पर भी सहमति दी।
- चाबहार बंदरगाह को लोकप्रिय बनाने के लिए अफगानिस्तान और भारत में प्रचार और व्यापार कार्यक्रम आयोजित करने पर भी सहमति हुई। इस दौरान पांच लाख टन से अधिक माल भेजने और उतारने का काम सफलतापूर्वक किया गया। इसमें चाबहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान से इस वर्ष फरवरी में शुरू हुआ निर्यात शामिल है।
निगरानी समिति की तीसरी बैठक 2020 के पहले छह महीने के भीतर आयोजित की जाएगी।
चाबहार बन्दरगाह
- भारत ने चाबहार बन्दरगाह के बारे में ईरान के साथ 2003 के आसपास बातचीत शुरू की थी, लेकिन इसे महत्वपूर्ण बल 2014 की आखिरी छिमाही में मिला, जिसके परिणामस्वरूप चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए मई 2015 में दोनों देशों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।
- इस एमओयू को चाबहार बंदरगाह को उपकरणों से लैस करने और उसका प्रचालन करने के लिए 10 साल के औपचारिक समझौते में परिवर्तित किया गया, जिसे 23 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान निष्पादित किया गया।
- उक्त समझौते को कार्यशील बनाने की राह में चुनौतियां थीं, इसलिए ईरान के राष्ट्रपति डॉ. हसन रुहानी की फरवरी 2018 की भारत यात्रा के दौरान एक अंतरिम अवधि के समझौते की आधारशिला रखी गई। इसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के बीच 6 मई 2018 को औपचारिक अल्पावधि समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- भारत सरकार ने 24 दिसंबर 2018 को चाबहार त्रिपक्षीय समझौता बैठक के दौरान ईरान में शाहिद बेहिश्ती बन्दरगाह, चाबहार के एक भाग के प्रचालन का दायित्व ग्रहण कर लिया। चाबहार स्थित भारतीय एसपीवी – इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल चाबहार फ्री जोन (आईपीजीसीएफजेड) के कार्यालय का भारत, ईरान और अफगानिस्तान के शिष्टमंडलों के प्रमुखों ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।