राजपथ पर इस वर्ष (2020) की गणतंत्र दिवस परेड में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित अनेक रक्षा प्रणालियां शस्त्रबलों और डीआरडीओ के दस्ते में दिखाई गईं।
डीआरडीओ ने जमीन से हवा में मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र ‘आकाश’, मोबाइल ब्रिजिंग प्रणाली ‘सर्वत्र’, दृश्य सीमा से आगे हवा से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र ‘अस्त्र’, हल्का लड़ाकू विमान ‘तेजस’, एयर डिफेंस टैक्टिकल कंट्रोल रडार ( Air Defence Tactical Control Radar: ADTCR ) तथा सेटेलाइट रोधी मिसाइल ( Anti-Satellite Missile: ASAT ) डीआरडीओ द्वारा विकसित किए गए हैं और इन्हें डीआरडीओ तथा सशस्त्र बलों की झांकियों में दिखाया गया।
डीआरडीओ ने मिशन शक्ति में उपयोग की गई एसैट मिसाइल को दिखाया। एसैट का पहला सफलतापूर्ण परीक्षण 27 मार्च, 2019 को किया गया। मिशन शक्ति में देश की सेटेलाइट रोधी प्रौद्योगिकी और उसकी अचूक क्षमता को दिखाया गया है। एसैट शरारती प्रक्षेपास्त्रों के साथ-साथ इंटरकंटीनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलों के विरुद्ध आवश्यक रोधी सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
डीआरडीओ द्वारा विकसित एडीटीसीआर का इस्तेमाल बड़ी निगरानी, खोज तथा विभिन्न प्रकार के हवाई लक्ष्यों के मित्र/शत्रु पहचान पर नजर रखने में किया जाता है। यह रडार बहुत ही छोटे लक्ष्य तथा कम ऊंचाई के लक्ष्यों को खोजने में सक्षम है।
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