ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने रूस के मास्को में महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में चीन की लेई टिंगजी को टाईब्रेकर में हराकर खिताब जीत लिया है।
12वें दौर के बाद हम्पी और टिंगजी के नौ-नौ अंक थे, इसलिए आर्मेगेडोन गेम से विजेता का फैसला हुआ। टिंगजी को रजत, जबकि तुर्की की एकेटरिना अटालिक को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
इसके साथ ही हम्पी मौजूदा प्रारूप में रैपिड खिताब जीतने वाली दूसरी भारतीय बन गईं। इससे पहले, विश्वनाथन आनंद ने 2017 में ओपन वर्ग में यह खिताब जीता था।
पुरुषों का खिताब नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने जीता।
विजयवाडा की रहने वाली कोनेरू हंपी 15 वर्ष की उम्र में ही ग्रांडमास्टर बनीं थीं।
वे 1990 के दशक में महिला अंडर-10, महिला अंडर-12 तथा महिला अंडर-14 का खिताब जीत चुकी हैं।
वर्ष 2007 में इलो रेटिंग्स (खिलाड़ी की क्षमता को दर्शाने वाला प्वाइंट) में 2600 अंक को पार किया। ज्युडिट पोलगर के पश्चात यह अंक पार करने वाली शतरंज इतिहास की दूसरी महिला थी।