कम्प्रेस्ड बायो-गैस (CBG) को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग

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सरकार कम्प्रेस्ड बायो-गैस (Compressed Bio-Gas: CBG) को वित्त पोषण की प्राथमिकता वाले क्षेत्र (Priority Sector Lending) के अंतर्गत शामिल करने की प्रक्रिया में है। तमिलनाडु के नमक्कल में सीबीजी संयंत्र और राज्य के विभिन्न स्थानों पर सीबीजी फ्यूल स्टेशनों का ऑनलाइन उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इससे सीबीजी संयंत्रों के वित्तपोषण में आसानी होगी।

सीबीजी संयंत्रों की स्थापना के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता या सब्सिडी को 2020-21 तक बढ़ा दिया गया है जिससे नई परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा सके।

सीबीजी परियोजनाएं विकासक्षम हैं और नए उद्यमियों के लिए रिटर्न की दर आकर्षक है।

एमएसएमई के लिए एक नया पैकेज पूरे देश में सीबीजी संयंत्रों के फंड के लिए भी सहायता करेगा। हम सीबीजी परियोजनाओं को फंड देने के लिए वैश्विक फंड की भी तलाश कर रहे हैं।

सतत’: (SATAT: Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation)

सीबीजी के लिए ‘सतत’ (सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टूवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन) योजना की शुरूआत 1.10.2018 को की गई थी, जिसमें 2023 तक सीबीजी के 5000 संयंत्रों से 15 एमएमटी के उत्पादन को लक्षित करने की परिकल्पना की गई।

भारत सरकार द्वारा सतत योजना की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सक्षम कदम उठाए गए हैं। तेल विपणन कंपनियों द्वारा परियोजनाओं को विश्वसनीय बनाने के लिए सीबीजी पर दीर्घकालिक मूल्य निर्धारण करने की पेशकश की गई है और उन्होंने सीबीजी पर दीर्घकालिक समझौतों पर अमल करने पर सहमति व्यक्त की है।

जैविक खाद, सीबीजी संयंत्रों के एक महत्वपूर्ण उप-उत्पाद, को भी उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 में शामिल किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके माध्यम से इसे बाजार प्राप्त करने में आसानी होगी और देश भर में जैविक खेती के लिए एक अवसर प्रदान किया जा सकता है क्योंकि 5,000 सीबीजी संयंत्रों से 50 एमएमटी बायोमेनोर का उत्पादन होने की उम्मीद है।

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