ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स राज्यों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र में कोआला (Phascolarctos cinereus) की संरक्षण स्थिति को ‘वल्नरेबल’ से ‘संकटापन्न’ (endangered) में अपग्रेड कर दिया है।
संकट की वजह
- हाल के वर्षों में पर्यावास स्थलों के नुकसान, बीमारी और सबसे बढ़कर,बुशफायर के कारण कोआला को बहुत नुकसान हुआ है।
- क्लैमाइडिया (Chlamydia), एक जीवाणु रोग, ने प्रजनन करने वाले वयस्कों के अंदर सिस्ट बनाकर कोआला की आबादी पर कहर ढा दिया है, जिससे बांझपन हो गया है।
- वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया में ‘ब्लैक समर’ के नाम से मशहूर 2019-20 के बुशफायर सीजन में अरबों जानवरों और जीवों की मौत हो गई जिनमें कोआला की आबादी भी शामिल थी।
क्या है कोआला?
- कोआला मार्सुपियल है जो ऑस्ट्रेलिया का प्रतीक है। जीवाश्म रिकॉर्ड के अनुसार, कोआला प्रजाति कम से कम 25 मिलियन वर्षों से ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में बसी हुई है।
- लेकिन आज, केवल एक ही प्रजाति बची है – फास्कोलार्क्टोस सिनेरेस (Phascolarctos cinereus)।
- वे ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण-पूर्व और पूर्वी हिस्सों में जंगलों – तटीय क्वींसलैंड, न्यू साउथ वेल्स, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया और विक्टोरिया में में पायी जाती हैं।