ऑक्सीजन और ऑक्सीजन से संबंधित उपकरणों पर सीमा शुल्क और स्वास्थ्य उपकर खत्म किया जाएगा

पृष्ठभूमि

कोरोना

ऑक्सीजन संकट

ऑक्सीजन के आयात

कस्टम ड्यूटी और स्वस्थ्य उपकार

भारतीय वायु सेना

मुफ्त अनाज

रेमेडिसविर

पृष्ठभूमि

देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और गहराते ऑक्सीजन संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2021 को वरिष्ठ मंत्रियों व अधिकारियों के साथ बैठक की।

इस बैठक में अगले तीन माह तक कोविड वैक्सीन व ऑक्सीजन के आयात पर किसी तरह की कस्टम ड्यूटी और स्वस्थ्य उपकार नहीं लागू करने का निर्णय लिया गया। इसे सुनिश्चित करने का काम राजस्व विभाग को सौंप दिया गया है।

ये कदम वस्तुओं की उपलब्धता को बढ़ावा देंगे और साथ ही उन्हें सस्ता भी बनाएंगे।

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि इस समय मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने की तुरंत आवश्यकता है। इसके तहत मरीजों की देखभाल के लिए  घर और अस्पतालों दोनों में जरूरी उपकरणों की आवश्यकता है.

भारतीय वायु सेना

भारत सरकार ने ऑक्सीजन और चिकित्सा आपूर्ति में सुधार के लिए पिछले कुछ दिनों में कई उपाय किए हैं। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के विमान सिंगापुर से क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक ला रहे हैं। आ

ईएएफ यात्रा समय को कम करने के लिए देश में ऑक्सीजन टैंक का परिवहन भी कर रहा है।

भारतीय वायु सेना ने कोविड-19 के मामलों में ताजा वृद्धि के खिलाफ लड़ाई में देश के विभिन्न भागों से ऑक्सीजन कंटेनरों, सिलेंडरों, आवश्यक दवाओं, कोविड अस्पतालों एवं सुविधाओं की स्थापना और उन्हें बनाए रखने के लिए आवश्यक उपकरणों को एयरलिफ्ट करने की कार्यवाही की है।

इन कार्यों को अंजाम देने के लिए भारतीय वायुसेना के परिवहन विमानों और हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है। इनमें परिवहन विमान सी-17, सी-130जे, आईएल-76, एएन-32 और एवरो शामिल हैं। चिनूक और एमआई-17 हेलिकॉप्टर को स्टैंडबाय पर रखा गया है। दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के लिए कोच्चि, मुंबई, विशाखापट्टनम और बैंगलोर के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को एयरलिफ्ट किया गया है।

मुफ्त अनाज

इसी तरह एक बड़े कदम के तहत मई और जून 2021 के महीने में 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त अनाज देने का निर्णय लिया गया है ।

रेमेडिसविर

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मंडावी ने कहा कि 12 अप्रैल से रेमेडिसविर का उत्पादन करने के लिए 25 नए उत्पादन स्थलों को मंजूरी प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि “उत्पादन क्षमता बढ़कर अब प्रति माह 90 लाख शीशियों तक हो गई है, जो कि पहले 40 लाख शीशियां प्रति महिने थी। रेमेडिसविर का बहुत जल्द उत्पादन 3 लाख शीशियां/ दिन हो जाएगा।

दैनिक रूप से उत्पदान की निगरानी की जा रही है और हम रेमेडिसविर की आपूर्ति करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

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